लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को किसानों और दलितों के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी हमला किया। 

लखनऊ में एक बयान जारी कर बसपा नेत्री मायावती ने कहा कि सारे दलित और किसान विरोधी काम करने के बाद कांग्रेस के युवराज दलित कॉनक्लेव और मोदी किसान रैली कर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। उन्होंने लखनऊ  में कांग्रेस के दलित कॉनक्लेव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आजादी के बाद से काफी लम्बे समय तक केवल हसीन सपने दिखाकर कांग्रेस जब दलितों का वोट हासिल करती रही, तब मजबूर होकर कांशीराम जी को बसपा की स्थापना करनी पड़ी थी। कांग्रेस का दलित कॉनक्लेव वैसा ही है, जैसे किसान विरोधी सारे काम करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब घूम-घूम कर किसान सम्मेलन करने जा रहे हैं। देश के सर्वसमाज खासकर गरीबों, दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण के मामले में कांग्रेस व भाजपा का रवैया पूरी तरह से घोर विरोधी रहा है।मायावती ने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला है तो इस सम्बन्ध में यह जग जाहिर है कि गंभीर आपराधिक घटनाएं अब मुख्यमंत्री व पुलिस प्रमुख के घरों के पास व उनकी नाक के नीचे घटने लगी हैं। यह स्थिति प्रदेश में व्याप्त जंगलराज को दर्शाती है। सपा सरकार अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था के मामले में बुरी तरह से विफल साबित हुई है।

उन्होंने भाजपा शासित राजस्थान के वन विभाग में वनपाल पद पर हो रही शारीरिक परीक्षा में महिला उम्मीदवारों की शारीरिक पैमाइश का काम पुरुषों द्वारा कराये जाने की तीव्र आलोचना की। कहा, सरकारी स्तर पर इस प्रकार की असंवेदनशीलता अति निंदनीय है। वह भी तब जब प्रदेश की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला है। बसपा नेत्री ने महाराष्ट्र के भाजपा सांसद द्वारा वहां के किसानों द्वारा कर्ज के बोझ से मजबूर होकर आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं को ‘फैशन’ करार देने सम्बन्धी बयान की भी तीव्र निंदा की है।