इलाहाबाद। जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने से पैसा हुए विवाद के बाद छात्रों के समर्थन में जेएनयू पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह के परिवाद को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद के सीजेएम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक मार्च की तारीख दी है।

बीजेपी नेता और वकील सुशील मिश्र ने कोर्ट में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस अर्जी में राहुल पर जेएनयू में देशविरोधी नारा लगाने के आरोपियों के समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने बुधवार को दोपहर 2 बजे मामले पर सुनवाई कर इस याचिका को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए एक मार्च की तारीख दी है। वकील सुशील मिश्रा ने राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 124, 124ए, 500 और 511 में केस दर्ज करने की अपील की है।

सीजेएम कोर्ट के जज सुनील कुमार ने इस अर्जी पर मंगलवार को फैसला रिजर्व कर लिया था, बुधवार को इसे स्वीकार करते हुए अगली तारीख दी गई है। मामले में अदालत याचिकाकर्ता और दो गवाहों का का बयान लेगी। अगर तथ्यों से कोर्र्ट संतुष्ट हुआ तो राहुल को भी कोर्ट में तलब किया जा सकता है।

लखनऊ सीजेएम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल किए गए पीआईएल पर 27 फरवरी को सुनवाई होगी। राहुल के खिलाफ पीआईएल दाखिल करने वाले एडवोकेट प्रमोद पांडेय का कहना है कि अगर कोई किसी देशद्रोही का समर्थन करता है तो वह खुद 120बी का मुजरिम होता है। अपराधी को संरक्षण देना भी देशद्रोह के दायरे में आता है। फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर देश विरोधी नारे लगाने वालों के पक्ष में बयानबाजी करना सही नहीं है।

जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट शनिवार शाम को यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। राहुल ने कन्हैया की गिरफ्तारी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सबको अपनी बात कहने का हक। आवाज दबाने वाला देशद्रोही है। बीजेपी और आरएसएस आवाज दबा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिटलर भी खुद को देशभक्त बताता था। जब मैं हैदराबाद गया था, तब भी मेरा विरोध हुआ था। किसी ने रोहित वेमुला को भी देशद्रोही बताया था। जब राहुल गांधी यहां पहुंचे तो एबीवीपी ने जमकर नारेबाजी की। स्टूडेंट्स ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोका और राहुल गो बैक के नारे भी लगाए।