लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने आज पुलिस महकमे में मुख्य आरक्षी, उपनिरीक्षक और निरीक्षक के 30567 पद बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी। इस फैसले से कानून-व्यवस्था और विवेचना की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा का कहना है कि पुनर्गठन प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने से प्रदेश की पुलिस व्यवस्था प्रभावी ढंग से संचालित की जा सकेगी और जन शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी समाधान में भी आसानी होगी।  कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब पुलिस महकमे में निरीक्षक के 2362, उपनिरीक्षक के 21004 और मुख्य आरक्षी के 7201 पद बढ़ जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में प्रति लाख की आबादी पर करीब 80 पुलिसकर्मी उपलब्ध हैं लेकिन इस पुनर्गठन प्रस्ताव और रिक्त पदों को भरने के बाद पुलिसकर्मियों की संख्या 168 हो जाएगी। यह पूरे देश के औसत के समान होगी। प्रत्येक जिले में क्राइम ब्रांच की स्थापना की जा रही है। अपराधों की विवेचना तथा अभियोजन को अपराध नियंत्रण तथा कानून-व्यवस्था के दायित्व से अलग-अलग करने के लिए पहले से ही सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। देबाशीष पंडा का कहना है कि दीवान, दारोगा और इंस्पेक्टर की कमी के चलते इसे पूरा करना आसान नहीं था लेकिन पद बढऩे से अब सब कुछ संभव हो सकेगा।

जनपद मिर्जापुर में लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग (एन0एच0-5) के किमी0 302 से विन्ध्याचल मन्दिर तक 4-लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य को स्वीकृति

जनपद मिर्जापुर में लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग (एन0एच0-5) के किमी0 302 से विन्ध्याचल मन्दिर तक 4-लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। कार्य की प्रस्तावित लागत 8630.51 लाख रुपए के सापेक्ष व्यय वित्त समिति द्वारा कार्य की लागत 8420.32 लाख रुपए आकलित की गई है। 

मार्ग पर यातायात का अत्यधिक दबाव एवं घनत्व है। यह मार्ग विन्ध्याचल मन्दिर को जाने वाला मुख्य मार्ग है और नवरात्रि के समय मार्ग पर यातायात का घनत्व सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाता है, जिससे देष के दूर-दूर से आने वाले दर्षनार्थियों को काफी असुविधा होती है। मार्ग के चैड़ीकरण हो जाने से आने वाले दर्षनार्थियों का यातायात काफी सुगम हो जाएगा।

जनपद देवरिया में सोनौली-बलिया राज्य मार्ग के चैनेज-145.00 से चैनेज-174.00 तक 4-लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य को मंजूरी

जनपद देवरिया में सोनौली नौतनवां गोरखपुर देवरिया बलिया राज्य मार्ग संख्या-1 के चैनेज-145.00 से चैनेज-174.00 तक (लम्बाई-28.90 किमी0) मार्ग के 4-लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य के सम्बन्ध में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस कार्य की प्रस्तावित लागत 21294.56 लाख रुपए के सापेक्ष व्यय वित्त समिति द्वारा 20790.04 लाख रुपए आकलित की गई है।

यह मार्ग जनपद महाराजगंज के भारत-नेपाल सीमा स्थित सोनौली बाॅर्डर से प्रारम्भ होकर जनपद गोरखपुर, देवरिया होते हुए बलिया में राश्ट्रीय राज्यमार्ग संख्या-19 को जोड़ता है। यह मार्ग जनपद के 4 तहसील मुख्यालयों को जनपद मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है तथा मार्ग के इस भाग का प्रयोग बिहार प्रान्त से आने-जाने वाले भारी वाहनों द्वारा जनपद कुषीनगर, गोरखपुर आदि को जाने हेतु किया जाता है। मार्ग पर जनपद मुख्यालय से सलेमपुर तहसील मुख्यालय तक यातायात घनत्व अधिक है। जनपद के कुल 16 ब्लाॅक मुख्यालयों में से 8 ब्लाॅक मुख्यालय के आम जनमानस द्वारा जनपद मुख्यालय आने-जाने के लिए देवरिया से सलेमपुर मार्ग के इस भाग का प्रयोग किया जाता है। इसके चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण होने से यातायात सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो जाएगा।

गुरसहायगंज, कन्नौज में रोडवेज बस स्टेशन निर्माण के लिए राजकीय आस्थान की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय

जनपद कन्नौज के कस्बा गुरसहायगंज में उत्तर प्रदेष राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टेशन निर्माण हेतु राजकीय आस्थान की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है। राजकीय आस्थान (नाॅन जेड0ए0) की गाटा संख्या-433/1.03 एकड़ तथा गाटा संख्या-440/0.75 एकड़ कुल 02 किता रकबा 1.78 एकड़ भूमि नवीन बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु जनहित में परिवहन विभाग को निःषुल्क हस्तान्तरित की जाएगी।

केन्द्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम-118 के तहत परिवहन वाहनों में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रण युक्ति) लगाए जाने का निर्णय

केन्द्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम-118 के तहत परिवहन वाहनों में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रण युक्ति) लगाए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है। भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 15 अप्रैल, 2015 द्वारा अधिसूचित सभी किस्म के वाहनों में 01 अक्टूबर, 2015 से स्पीड गवर्नर लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। किन्तु दोपहिया, तिपहिया, चैपहिया साइकिल, अग्निषामक, एम्बुलेन्स, पुलिस यान आदि वाहनों को स्पीड गवर्नर लगाए जाने की बाध्यता नहीं होगी। 

परिवहन यानों में स्थापित किए जाने वाले स्पीड गवर्नर भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानक एआईएस: 018/2001 के अनुरूप होंगे तथा स्पीड गवर्नर को प्रचालकों द्वारा स्वयं राज्य स्तर पर चयनित वेण्डर से क्रय करके अपने वाहन में स्थापित कराया जाएगा। स्पीड गवर्नर के मूल्य लाॅजिस्टिक सपोर्ट, सर्विस सेण्टर आदि की सुविधाओं को दृश्टिगत रखते हुए स्पीड गवर्नर लगाए जाने हेतु टेण्डर के माध्यम से वेण्डर का चयन कर अधिकृत किया जाएगा। ग्राहकों को सुलभ, सुविधजनक, गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती सेवा उपलब्ध कराने हेतु तकनीकी रूप से दक्ष/अर्ह निविदादाताओं में से न्यूनतम बोली लगाने वाले वेण्डर का चयन किया जाएगा।

आगरा में मुगल म्यूजि़यम के निर्माण में उच्च विशिष्टियों का नियमानुसार कार्य कराए जाने एवं व्यय वित्त समिति की संस्तुतियां अनुमोदित

जनपद आगरा में ताज महल पूर्वी गेट रोड पर ताज महल से लगभग 1300 मीटर की दूरी पर स्थित विद्युत विभाग की 11.38 एकड़ भूमि में से 5.9 एकड़ रिक्त भूमि पर मुगल म्यूजि़यम के निर्माण सम्बन्धी परियोजना के अन्तर्गत कतिपय उच्च विशिष्टियों के प्रयोग पर नियमानुसार कार्य कराए जाने एवं व्यय वित्त समिति की संस्तुतियों को अनुमोदित कर दिया गया है।

व्यय वित्त समिति द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार वर्णित कार्य मदों-फर्नीचर, पेन्टिंग, इलेक्ट्राॅनिक्स साफ्ट कन्सल्टिंग, स्पेशल इंस्टाॅलेशन, आर्ट वर्क, बिल्डिंग माॅडल, प्रिन्टिंग, सी0सी0टी0वी0, पी0ए0 सिस्टम, बिल्डिंग मैनेजमेण्ट सिस्टम, साउण्ड रीइन्फोस्र्ड सिस्टम, वीडियो प्रोजेक्शन सिस्टम एवं स्टेज लाइटिंग सिस्टम, स्टेज कर्टेन, कन्ट्रोल सिस्टम इत्यादि हेतु प्रमुख सचिव/सचिव पर्यटन विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी, जिसमें इन कार्यमदों से सम्बन्धित विभाग जैसे- संस्कृति एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग द्वारा नामित सदस्य होंगे।

व्यय वित्त समिति की अपेक्षानुसार कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा 19234.99 लाख रुपये का डी0पी0आर0 प्रस्तुत किया गया, जिसके परीक्षणोपरान्त व्यय वित्त समिति द्वारा परियोजना की लागत 14189.73 लाख रुपये अनुमोदित करते हुए परियोजना की विशिष्टियों पर अनुमोदन किया गया है।

परियोजना के निर्माण के उपरान्त इसकी संरचना एवं संचालन हेतु एक समिति गठित की जाएगी। इस समिति में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के वास्तुविद, म्यूजि़योलाॅजिस्ट, विषय विशेषज्ञ एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थानों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार आर्टिफैक्ट्स एवं मुगल काल से सम्बन्धित वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।

पशुपालकों को नेशनल लाइवस्टाक मिशन के अन्तर्गत शक्ति चालित कुट्टी काटने की मशीन वितरण योजना को मंजूरी

प्रदेश के पशुपालकों को नेशनल लाइवस्टाक मिशन के अन्तर्गत शक्ति चालित कुट्टी काटने की मशीन (50 प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान) वितरण योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। योजना प्रदेष के समस्त जनपदों में संचालित की जाएगी। योजना में षक्ति चालित कुट्टी काटने की मषीन 20 हजार रुपए निर्धारित है। लाभार्थी को मषीन की कीमत का 50 प्रतिषत अथवा 10 हजार रुपए, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा। मषीन का षेश मूल्य लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा। अनुदान की धनराषि लाभार्थी को बैंक खाते के माध्यम से स्थलीय भौतिक सत्यापन के उपरान्त उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ लाभार्थी को एक ही बार अनुमन्य कराया जाएगा।

जनपद के ऐसे पषुपालक का चयन लाभार्थी के रूप में किया जाएगा, जो कि कम से कम 5 बड़े दुधारू पषु पालता हो। योजना के अन्तर्गत लघु/सीमान्त पषुपालकों का ही चयन किया जाएगा। लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति, जिसमें जिला कृशि अधिकारी सदस्य एवं मुख्य पषु चिकित्सा अधिकारी सदस्य/सचिव होंगे, के माध्यम से किया जाएगा। यह समिति यथा सम्भव प्रत्येक विकास खण्ड का प्रतिनिधित्व सुनिष्चित कराएगी। योजना के पहले चरण में 628 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जाएगा। 

पशुपालकों को नेशनल लाइवस्टाॅक मिशन के अन्तर्गत हस्त चालित कुट्टी काटने की मशीन वितरण योजना को मंजूरी

प्रदेश के पशुपालकों को नेशनल लाइवस्टाॅक मिशन के अन्तर्गत हस्त चालित कुट्टी काटने की मशीन (75 प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान) वितरण योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। योजना प्रदेष के समस्त जनपदों के 821 विकासखण्डों में संचालित की जाएगी। योजना में हस्त चालित कुट्टी मषीन का मूल्य 5 हजार रुपए निर्धारित है। योजना के तहत लाभार्थी को 3750 रुपए अथवा मषीन की कीमत का 75 प्रतिषत, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा। मषीन का षेश मूल्य लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा। अनुदान की धनराषि लाभार्थी को बैंक खाते के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ लाभार्थी को एक ही बार अनुमन्य कराया जाएगा।

जनपद के ऐसे पषुपालक का चयन लाभार्थी के रूप में किया जाएगा, जो कि कम से कम 2 बड़े दुधारू पषु पालता हो। योजना के अन्तर्गत लघु/सीमान्त पषुपालकों का ही चयन किया जाएगा। लाभार्थियों का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति, जिसमें जिला कृशि अधिकारी सदस्य एवं सम्बन्धित ब्लाॅक के पषु चिकित्सा अधिकारी सदस्य एवं मुख्य पषु चिकित्सा अधिकारी सदस्य/सचिव होंगे, के द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत कुल 5,515 हस्तचालित कुट्टी मषीनों का वितरण करने पर 02 करोड़ 06 लाख 81 हजार 250 रुपये  का व्यय अनुमानित है। 

राजकीय एलोपैथिक मेडिकल काॅलेज, चन्दौली के निर्माण की परियोजना लागत एवं उच्च विशिष्टियों को स्वीकृति दी गई 

जनहित में राजकीय एलोपैथिक मेडिकल काॅलेज, चन्दौली के निर्माण की परियोजना की लागत एवं उच्च विशिष्टियों को प्रयुक्त किए जाने के सम्बन्ध में स्वीकृति दी गई है। इस मेडिकल काॅलेज के निर्माण की लागत 52157.89 लाख रुपए आगणित की गई है। चूंकि मेडिकल काॅलेज, चन्दौली के निर्माण हेतु व्यय वित्त समिति द्वारा मूल्यांकित लागत 52157.89 लाख रुपए है, जो 200 करोड़ रुपए से अधिक है। इसलिए निर्माण लागत के सम्बन्ध में व्यय होने वाली धनराशि को अनुमोदित किया गया है। 

मेडिकल काॅलेज के उत्कृष्ट कोटि के भवन निर्माण हेतु भवन में पेविट टाइल्स, विट्रीफाइड टाइल्स, स्ट्रक्चरल एल्युमिनियम गलेजिंग, स्टेज वाल पैनलिंग, कारपेट फ्लोरिंग, माॅड्यूलर किचेन तथा टेक्सचर पेन्ट जैसी उच्च विशिष्टियों के प्रयोग एवं इस परियोजना लागत को स्वीकृति प्रदान की गई है। 

गौरतलब है कि इस मेडिकल काॅलेज की स्थापना से जनपद चन्दौली एवं उसके निकटवर्ती जिलों की जनता को जहां एक ओर विभिन्न बीमारियों के इलाज हेतु उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों को तैयार करने हेतु प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में एक और मेडिकल काॅलेज उपलब्ध हो सकेगा। 

के0जी0एम0यू0 के शताब्दी चिकित्सालय में आॅर्गन ट्रान्सप्लाण्ट आई0सी0यू0 की स्थापना हेतु उच्च विशिष्टियों के प्रयोग को मंजूरी

किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के शताब्दी चिकित्सालय फेज-1 के तृतीय तल पर आॅर्गन ट्रान्सप्लाण्ट आई0सी0यू0 की स्थापना/निर्माण के सम्बन्ध में 157.41 लाख रुपए की लागत अनुमोदित की गई है। इस लागत के आधार पर कार्य कराने में कतिपय विषिश्टियों, जो कि चिकित्सा विष्वविद्यालय हेतु आवष्यक हैं, जैसे फाॅल्स सीलिंग, वाॅल पैनेलिंग एवं वाॅल टाइल्स आदि जो कि निर्माण विभाग की निर्धारित विषिश्टियों से उच्च हैं, सम्मिलित हैं। इनका अनुमोदन कर दिया गया है। आई0सी0यू0 के निर्माण से मरीजों को संक्रमण रहित आॅर्गन ट्रांसप्लान्टेषन की पूर्ण सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 

टेंट व्यवसाईयों के लिए समाधान योजना लागू करने का निर्णय

वित्तीय वर्श 2015-16 के लिए प्रदेष में 40 लाख रुपए तक स्टाॅक रखने वाले टेंट व्यवसाईयों द्वारा टेंट, कनात, मेज, कुर्सी, कालीन, दरी, चादर, गद्दा, रजाई, तकिया, बेड तथा सजावट के सामान के उपयोग के अधिकार के अन्तरण पर देय मूल्य संवर्धित कर के विकल्प के रूप में समाधान योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। 

शत-प्रतिशत बायोफ्यूल का उपयोग करने वाली मशीनरी पर वैट से छूट

उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के अंतर्गत शत-प्रतिशत बायोफ्यूल का उपयोग करने वाली मशीनरी पर अधिसूचना जारी करने की तिथि से, 6 माह पूर्व की तिथि से 10 वर्ष के लिए कर से छूट प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं की वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों से पूर्ति करते हुए पेट्रोलियम आधारित ईधन की खपत कम करने, ग्रीन हाउस गैसेज के उत्सर्जन में गुणात्मक रूप से कमी लाने तथा बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से शासन द्वारा ‘राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2014’ जारी की गई थी। इस नीति के तहत प्रदेश में बायोफ्यूल तथा बायोफ्यूल मशीनरी पर वैट में प्रथम 10 वर्ष तक छूट प्रदान किए जाने के सम्बन्ध संस्थागत वित्त, कर एवं निबन्धन विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए थे। बायो फ्यूल जैसे बायो डीजल, बायो-एथोनाॅल, बायो-गैस व प्रोड्यूसर गैस के साथ-साथ राज्य में बायो फ्यूल का उत्पादन करने वाली मशीनरी की बिक्री पर 14 नवम्बर, 2014 से दस वर्ष के लिए कर मुक्ति पहले से प्रदान की जा चुकी है। 

एल0ई0डी0 बल्ब वैट से मुक्त रखने का निर्णय

एल0ई0डी0 बल्ब को उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के अंतर्गत कर मुक्त वस्तुओं की अनूसूची-1 में रखे जाने का फैसला लिया गया है। 

सामान्य बल्ब और ट्यूब लाइट की तुलना में एल0ई0डी0 बल्ब में बिजली की खपत कम होती है। वर्तमान में बाजार में इनकी अधिक कीमत के कारण जनसामान्य द्वारा इनका प्रयोग सम्भव नहीं हो पा रहा है। सस्ते मूल्य पर एल0ई0डी0 बल्ब उपलब्ध कराने के मकसद से वैट से छूट प्रदान करने का फैसला लिया गया है। 

अम्बेडकरनगर में 100 मी0टन दैनिक क्षमता की पशु आहार निर्माणशाला बनेगी

जनपद अम्बेडकरनगर में 100 मी0टन दैनिक क्षमता की पशु आहार निर्माणशाला की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसकी स्थापना का वित्त पोशण राश्ट्रीय कृशि विकास योजना से किया जाएगा। पषु आहार निर्माणषाला की स्थापना के दृश्टिगत ख्याति प्राप्त संस्था आई0डी0एम0सी0 आनन्द, गुजरात को कार्यदायी संस्था नामित करने हेतु कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान करने तथा प्रायोजना के संषोधित सेन्सटीविटी विष्लेशण एवं कार्यदायी संस्था आई0डी0एम0सी0 को दिए जाने वाले सेन्टेज चार्ज के साथ सम्पूर्ण प्रायोजना को अनुमोदित कर दिया गया है। 

नोएडा/ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में आपसी समझौते के आधार पर भूमि खरीद की प्रक्रिया का निर्धारण

नोएडा/ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में नियोजित विकास के दृश्टिगत विषेश स्थितियों में भू-स्वामियों/कृशकों से आपसी सहमति/बैनामे के आधार पर भूमि क्रय करने हेतु प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा।

क्रय की जाने वाली भूमि की दरों की स्वीकृति हेतु सम्बन्धित औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन होगा, जिसमें सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी/विषेश भूमि अध्याप्ति अधिकारी, उप/सहायक महानिरीक्षक स्टाम्प, क्रय निकाय के वित्त नियंत्रक/महा प्रबन्धक (वित्त), भूलेख विभाग के प्रभारी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी/उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा प्राधिकरण के सम्बन्धित तहसीलदार सदस्य होंगे।

भू-मूल्य/प्रतिकर का भुगतान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में इलेक्ट्राॅनिकली जमा कराया जाएगा एवं भुगतान के विवरण को भी विक्रय-विलेख का अनिवार्य भाग बनाया जाएगा। भूमि के विक्रय-विलेख के निश्पादन होने के उपरान्त सम्बन्धित क्रय निकाय के तहसीलदार द्वारा क्रय की गई भूमि का नामान्तरण राजस्व अभिलेखों में कराना सुनिष्चित किया जाएगा।

वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 के लिए आबकारी नीति निर्धारित

उत्तर प्रदेश वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 हेतु आबकारी नीति का निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है। 

आबकारी नीति दो वर्षों के लिए अर्थात् वर्ष 2016-17 के निर्धारण के साथ ही वर्ष 2017 के आरम्भ में सम्भावित विधान सभा सामान्य निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2017-18 हेतु भी आबकारी नीति का निर्धारण किया गया है। 

वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 हेतु प्रस्तावित आबकारी नीति में देशी मदिरा, भारत निर्मित विदेशी मदिरा एवं बीयर की फुटकर बिक्री की दुकानों, माॅडल शाॅप्स के अनुज्ञापनों तथा थोक अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन नवीनीकरण के माध्यम से किया जाएगा। 

नीति में राजस्व वृद्धि के दृष्टिगत वर्ष 2015-16 हेतु व्यवस्थित देशी, मदिरा, भारत निर्मित विदेशी मदिरा एवं बीयर की फुटकर बिक्री की दुकानों, माॅडल शाॅप्स के अनुज्ञापनों तथा थोक समस्त प्रकार के अनुज्ञापनों के वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 के लिए नवीनीकरण हेतु आवेदन व प्रोसेसिंग शुल्क तथा नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि की गई है। 

वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 हेतु वर्ष 2015-16 में व्यवस्थित आबकारी दुकानों के 15 प्रतिशत सीमा तक नई दुकानों का सृजन आबकारी आयुक्त के स्तर से और 15 प्रतिशत से अधिक नई दुकानों का सृजन शासन की अनुमति से करने की नीति में व्यवस्था की गई है। 

भांग की फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। वर्ष 2015-16 की भांति वर्ष 2016-17 व वर्ष 2017-18 में भी नीलामी के माध्यम से भांग की फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन कराया जाएगा। 

वर्ष के मध्य में आबकारी नीति के क्रियान्वयन में उत्पन्न व्यवहारिक कठिनाइयों के समाधान एवं प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु नीति में सामयिक/व्यवहारिक/विधिक दृष्टि से किसी परिवर्तन हेतु आबकारी आयुक्त से प्राप्त प्रस्तावपर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के उपरान्त मुख्यमंत्री के स्तर से निर्णय लेने की व्यवस्था की जा रही है। 

वर्ष 2017-18 हेतु आबकारी नीति का क्रियान्वयन शासन की पूर्वानुमति प्राप्त करके आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित प्रक्रिया से किया जाएगा। इन दोनों वर्षों की आबकारी नीति के प्राविधानों से वर्ष 2016-17 हेतु 19,250 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य एवं वर्ष 2017-18 हेतु 20,746 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

पेराई सत्र 2015-16 में उत्पादित चीनी को प्रवेश कर से पूर्ण छूट 

प्रदेश की समस्त चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2015-16 में उत्पादित चीनी के स्थानीय क्षेत्र में प्रवेश पर माल (चीनी) के मूल्य पर 2 प्रतिशत की दर से देय प्रवेश कर से पूर्ण छूट प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि 18 जनवरी, 2016 को लिए गए फैसले के तहत पेराई सत्र 2015-2016 में उत्पादित चीनी पर प्रदेश की सभी चीनी मिलों का चीनी पर प्रवेश कर के रूप में, गन्ने पर 2.80 रुपए प्रति कुन्टल की दर से छूट प्रदान किए जाने और इस फैसले को लागू करने के सम्बन्ध में वाणिज्य कर विभाग की विधिक कठिनाइयों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया।

जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित करने के लिए ‘उ0प्र0 वित्तीय अधिश्ठानों मंे जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक-2016’ को पुरस्थापित करने का निर्णय

उत्तर प्रदेश में जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित करने हेतु संशोधित ‘उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिश्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक-2016’ को विचारण एवं पारण के लिए विधानमण्डल में पुरस्थापित किए जाने का निर्णय हुआ है तथा विधानमण्डल से पूर्व पारित मूल विधेयक ‘उत्तर प्रदेश प्रोटेक्शन आॅफ इन्टरेस्ट आॅफ डिपाॅजिटर्स इन फाइनेंषयल स्टेबिलिशमेन्ट ऐक्ट-2015’ को भारत सरकार की अपेक्षानुसार वापस लिए जाने का फैसला भी लिया गया है। इसके साथ ही प्रस्तावित अधिनियम के लागू होने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा इसके क्रियान्वयन हेतु नियम बनाने की कार्यवाही, प्रशासनिक/कार्मिक संरचना का यथावश्यक गठन करने एवं व्यय भार की स्वीकृति अलग से लिए जाने का निर्णय भी लिया गया है।

उर्वरक प्रीपोजीशनिंग योजना के तहत वर्ष 2015-16 की प्राविधानित धनराशि  से वर्ष 2014-15 के लम्बित भुगतान का निर्णय

उर्वरक प्रीपोजीशनिंग योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में प्राविधानित धनराशि 100 करोड़ रुपए में से वर्ष 2014-15 में प्रीपोजीशनिंग योजनान्तर्गत लम्बित धनराशि 7 करोड़ 14 लाख 57 हजार 801 रुपए की प्रतिपूर्ति का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2014-15 में प्रीपोजीशनिंग योजनान्तर्गत प्रदायकर्ताओं के बिक्री हेतु अवशेष सम्भार के सापेक्ष पी0सी0एफ0 द्वारा भुगतान हेतु बैंको से लिए गये ऋण पर बैंकों द्वारा चार्ज किए गये ब्याज 3 करोड़ 30 लाख 70 हजार 423 रुपया 68 पैसा तथा भण्डारण पर हुए व्यय 3 करोड़ 83 लाख 87 हजार 377 रुपया 52 पैसा, कुल धनराशि 7 करोड़ 14 लाख 57 हजार 801 रुपए की धनराशि अवषेश देनदारी के रूप में लम्बित है।

कानपुर एवं वाराणसी महानगर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में महत्वपूर्ण फैसले

कानपुर एवं वाराणसी महानगर की यातायातीय व्यवस्था को सुगम एवं सुचारू बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

इसके तहत कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजनाओं के निर्माण संचालन एवं अनुरक्षण के लिए वैधानिक आवरण प्रदान किए जाने हेतु नगर विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 30 नवम्बर, 2006 द्वारा घोषित कानपुर मेट्रोपोलिटन एरिया व वाराणसी मेट्रोपोलिटन एरिया में केन्द्र सरकार द्वारा अधिनियमित ‘मेट्रो रेलवे (कार्याें का सन्निर्माण) अधिनियम-1978’ यथासंशोधित-2009 तथा ‘मेट्रो रेलवे (परिचालन एवं अनुरक्षण) अधिनियम-2002’ को विस्तारित कराने हेतु भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने का निर्णय हुआ है।

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी मेट्रो रेल नीति दिनांक 7 जनवरी, 2013 में दिए गए परामर्शानुसार केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के दृष्टिगत कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वित्त पोषण पद्धति के रूप में केन्द्र सरकार के साथ ‘इक्विटी सहभागिता’ के साथ 50ः50 माॅडल (डी0एम0आर0सी0 माॅडल) को अपनाया जाना तथा ‘इक्विटी’ के अतिरिक्त शेष वित्त पोषण हेतु केन्द्र सरकार के माध्यम से वाह्य ऋण प्राप्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, कानपुर व वाराणसी मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विशेष प्रयोजन साधन (एस0पी0वी0) का गठन किया जाएगा। इन विशेष प्रयोजन साधनों के नाम एवं स्वरूप के सम्बन्ध में निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना की विभिन्न गतिविधियों के प्रारम्भिक नियोजन, अभिकल्प व आवश्यक सर्वेक्षण इत्यादि हेतु ‘अन्तरिम कन्सल्टेण्ट’ के रूप में लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन को नियुक्त किए जाने का फैसला हुआ है। साथ ही, यह भी फैसला हुआ है कि अन्तरिम कन्सल्टेण्ट की फीस का निर्धारण लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन व सम्बन्धित नगर के मेट्रो सेल/गठित होने वाले विशेष पयोजन साधन द्वारा आपसी सहमति से किया जाएगा।