लखनऊ : मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद क्लबे जवाद नकवी ने जुल्म और अन्याय का कुरआन और हदीस की रोशनी में इतिहास बताते हुए कहा कि अत्याचार पर चुप रहने वाला कभी मुसलमान नहीं हो सकता और न मुसलमान जालिम का समर्थन करता है और न जुल्म पर चुप्पी साध सकता है,विशेष रूप से यह शियों की सिफत है के वो जालिम और अन्याय के खिलाफ चुप नही रहते है। मौलाना ने सुनन इब्ने माजा का हवाला देते हुए कहा कि अब्दुल्लाह इब्ने उमर ने रिवायत की है कि रसूले खुदा स0अ0 काबा का तवाफ करते जाते थे और कहते जाते थे, कि ऐ काबा तेरी क्या अच्छी खुशबू है और तेरी अजमत कितनी अधिक है और तेरी पवित्रता कितनी जियादा है लेकिन ऐ काबा कसम है उसकी जिसके कब्जा ए कुद्वरत में मुहम्मद स0 अ0 की जान है कि किसी मोमिन का सम्मान तुझसेे ज्यादा है उसके जान और माल की का एहतेराम काबा से अधिक है और मोमिन के बारे में हमेशा नेक ख्याल रखना चाहिए ।मौलाना ने इस हदीस के आधार पर तर्क करते हुए कहा कि पैगंबर मोहम्मद स0अव मोमिन की जान-माल का एहतेराम काबा से अधिक बता रहे हैं और आज मुसलमान इस्लाम और रसूले खुदा स0अ0के नाम पर मुसलमानों के गले काट रहा है, उनकी जान-माल का अपमान किया जा रहा है और निर्दोषों के कलेजे चाक किए जा रहे हैं यह कैसे मुसलमान हैं जो पैगंबर की हदीस के खिलाफ काम कर रहे हैं। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों की प्रामाणिक और सही किताबों में हदीसों हैं कि किसी मुस्लिम की तरफ  हथियार से इषरा नहीं कर सकते है, हथियारों के प्रदर्शन से रोका गया है तो इस्लाम मुसलमानों और बेगुनाहों की हत्या की अनुमति कैसे दे सकता है। यह जितना अत्याचार हो रहा इस्लाम के दुषमनों को खुश करने के लिए हो रहा है इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है । रसोल ए इसलाम स0अ0 ने उसे मलऊन कहा है जो अपने हथियार से किसी मुसलमान की तरफ इषरा करे। उन्होने फरमाया के देखो अपने किसी मुसलमान भाई की तरफ हथियारों से इषरा न करना कि कहीं ऐसा न हो शैतान तुम्हारे हाथ में लगजिश पैदा कर दे और वह हखतयार तुम्हारे किसी मुसलमान भाई को घायल करदे।ये हदीस सही मुस्लिम में भी है और सही तिरमिजी में भी है ।
मौलाना ने कहा कि हदीसों में है कि तुम एक दूसरे को तलवार भी दिया करो तोक्ष् गिलाफ द्वकवर के अंदर रख कर दिया करो क्योंकि गिलाफ से निकली हुई तलवार लड़ाई का प्रतीक होती है और गिलाफ में रखी हुई तलवार सुलह व षांती का प्रतीक होती है। अल्लाह और उसका रसूल स0अ0 को यह बर्दाश्त नहीं है कि एक दुसरे को तलवार भी दो तो वह गिलाफ के बाहर हा,े तो फिर वह अल्लाह और उसका रसूल आम नागरिकों और मुसलमानों का नरसंहार कैसे सहन कर सकते है। यह लोग इस्लाम के नाम पर दुनिया को धोखा दे रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि आज भी लोग ऐसे अत्याचारियों और जालिमों के समर्थन में बयान दे रहे हैं जो बे गुनाह नागरिकों का नरसंहार कर रहे हैं और निर्दोषों की गर्दनें काट रहे हैं। एक ओर सऊदी अरब की दोलत है और दूसरी तरफ वास्तविक इस्लाम है अब यह मुसलमान मुफतियों और मौलवियों को तय करना है कि उन्हें किस चुनना है।
षहीद हनमन थप्पा की शहादत पर श्रद्धांजलि
मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने सियाचिन के मुजाहिद हनमन थप्पा की शहादत पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हनमन थप्पा की शहादत को हम सलाम करते हैं, हमें अपने देश की सेना पर गर्व है कि वह अपने जीवन को परेशानियों में डाल कर हमारी और देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं उनकी बहादुरी और हौसला देश के लिए फखर हे ,हम उनकी शहादत पर उनके घरवालों की सेवा में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।