दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका ख़ारिज की  

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मंदिरों और मस्जिदों में अवैध लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर पूर्ण बैन लगाने की मांग की गई थी। याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ ने अपने आदेश में कहा कि याचिका में जो भी बिंदू उठाए गए हैं, दिल्ली पुलिस ने उन पर पहले से ही आदेश और निर्देश जारी कर रखे हैं।

खंडपीठ ने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस ने लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर जो नियम बने हैं, उनके उल्लंघन को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। खंडपीठ ने कहा, इसलिए हमारे विचार में याचिकर्ता के मुताबिक वर्तमान मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

हाई कोर्ट दिल्ली निवासी शशिकांत बहल और अमित कुमार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसमें मंदिरों और मस्जिदों पर लगे गैरकानूनी लाउडस्पीकरों को हटाने मांग की गई थी। याचिकर्ताओं ने कोर्ट से दिल्ली सरकार को वसंत कुंज इलाके से मदीना मस्जिद सहित अन्य तीर्थस्थानों, मस्जिदों, मंदिरों से लाउडस्पीकर हटवाने का आदेश देने के साथ ही कहा कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर सुबह तड़के शुरू हो जाते हैं और देर रात तक चलते रहते हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया कि लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर जो कानून बने हैं, दिल्ली सरकार उन्हें लागू करने में विफल रही है, जिसके चलते ध्वनि प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को सौंपी अपनी

अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि मदीना मस्ज्दि के मौलवी और याचिकर्ताओं के बीच एक बैठक करवाई गई, जिसमें मौलाना ने लाउडस्पीकर की आवाज कम करने पर अपनी सहमति जता दी।