हाफिज सईद के कहने पर की थी रेकी, 9 बार आया भारत 

मुंबई: मुंबई में 26/11 हमले के दोषी डेविड हेडली की गवाही अमेरिका की शिकागो जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जारी है। डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई की कोर्ट को बताया है कि वह नौ बार मुंबई आया था। 8 बार हमले से पहले और एक बार हमले के बाद। उसने बताया कि वह 8 बार सीधे पाकिस्तान से भारत आया था और एक बार यूएई से भारत आया था।

अपनी गवाही में हेडली ने बताया कि उसने हाफिज सईद के कहने पर मुंबई हमले के लिए रेकी की। कोर्ट से बाहर आए एक वकील महेश जेठमलानी ने बताया कि पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में 2002 में डेविड हेडली ने हाफिज सईद का भाषण सुना और बहुत प्रभावित हुआ। आज भी कोर्ट में हेडली ने  हाफिज सईद को हाफिज सईद साहब के नाम से पुकारा। हाफिज सईद के कहने पर लश्कर का काम किया है।

कोर्ट में अब तक सबसे बड़ा खुलासा करते हुए डेविड हेडली ने बताया कि 2008 में 26/11 को मुंबई में किए गए आतंकी हमले से पहले सितंबर और अक्टूबर में भी ऐसी कोशिश की गई थी, लेकिन दोनों ही बार नाकामी हाथ लगी थी। पहली बार सितंबर में समुद्र में पत्थर से टकराने के बाद नाव डूब गई थी। सवार लोग तो बच गए लेकिन गोला बारूद बरबाद हो गया। दूसरी बार के बारे में उसे याद नहीं है।

हेडली ने बताया कि हमले से दो साल पहले 2006 उसने पासपोर्ट में अपना नाम तक बदलवा लिया था। उसने अपना नाम दाऊद गिलानी से डेविड हेडली किया ताकि वह भारत में आसानी से प्रवेश कर सके। डेविड हेडली ने अपने पासपोर्ट डिटेल के बारे में बताया है। उसने बताया कि किस तरह उसने फर्जी डिटेल देकर वीजा हासिल किया। उसने पहले एक साल का वीजा लिया फिर पांच साल का वीजा लिया।

आईएसआई के संपर्क आने के बारे में हेडली ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर आईएसआई ने उसे गिरफ्तार किया। नशे के कारोबार के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। यहीं पर वह आईएसआई के मेजर अली के संपर्क में आया मेजर अली ने उसे मेजर इकबाल से मिलवाया था। गौरतलब है कि 26/11 हमले में मेजर इकबाल का नाम कई बार पहले भी सुना गया है।

उसने बताया कि वह ड्रग पैडलर से मिलने गया था, क्योंकि वह भारत में हथियार सप्लाई करना चाहता था। उसी समय मेजर अली को यह लगा कि वह उनके काम का आदमी है, जो विदेशी दिखता है।

नया पासपोर्ट मिलने पर वह पाकिस्तान जाकर लश्कर के अपने कांटेक्ट साज़िद मीर से मिला। साज़िद ने उसे भारत भेजा। मुम्बई जाकर कोई ऑफिस या बिज़नेस सेट करने कहा ताकि वह ज्यादा वक़्त तक मुंबई में रह सके। साज़िद ने उसे मुम्बई के वीडियो बनाकर भेजने को कहा। हेडली ने कहा कि उसे एक जनरल आइडिया था कि यह उससे क्यों करवाया जा रहा है। कोर्ट में हेडली ने बताया कि वह लश्कर का पूरे मन से समर्थन करता था।

 

हेडली की पूरी पढ़ाई पाकिस्तान में हुई और 18 की उम्र में वह अमेरिका गया। उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। लश्कर ने कई जगहों पर भारतीय सेना के खिलाफ हमले किए हैं।