लखनऊ: अगले साल होने वाले प्रदेश विधानसभा के चुनाव से अपनी ‘ताकत’ बढ़ाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस ने 200 सीटों पर टिकट घोषित करने की तैयारी लगभग पूरी ली है। मार्च तक इन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है।

विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श के बाद यह महसूस किया गया कि टिकट वितरण में देरी से भी पार्टी को नुकसान हो रहा है। पिछले चुनावों में टिकट ऐसे समय पर दिया गया जब आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी थी और प्रत्याशियों को ठीक से चुनाव-प्रचार करने का भी मौका नहीं मिला। इसके विपरीत अन्य दलों खासकर सपा और बसपा के प्रत्याशियों को तैयारी के लिए लंबा समय मिल जाता है।

पार्टी ने यह भी महसूस किया कि संभावित प्रत्याशी का नाम तय न होने से आंदोलनात्मक कार्यक्रमों का सारा भार संगठन के पदाधिकारियों खास कर जिलाध्यक्ष व शहर अध्यक्ष पर ही आता है। उसे पार्टी और अपने निजी स्रोतों से ही सारा प्रबंध करना होता है। ऐसे में यदि टिकट तय कर दिए जाएंगे तो वह अपनी तैयारियों के मकसद से भी संगठन को पूरा सहयोग देगा।

पार्टी ने विभिन्न जिलों में केंद्रीय स्तर से प्रेक्षक भेजकर दावेदारों की पड़ताल कराने के अलावा जिलावार बैठकें करके ब्लॉक अध्यक्षों तक से फीडबैक लिया है। प्रेक्षकों की रिपोर्ट तो सीधे पार्टी हाईकमान को मिली है। उधर ब्लॉक अध्यक्षों से फीडबैक की प्रक्रिया में राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री तथा प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री स्वयं शामिल रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रथम चरण में 200 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति बनाई गई है। यह वे सीटें होंगी, जहां पार्टी के पास मजबूत प्रत्याशी हैं और तैयारी का पर्याप्त समय दिए जाने से वे और मजबूत हो सकेंगे।