लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शहीद दिवस के अवसर पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गाँधी जी की पुण्य तिथि शहीद दिवस के रूप में मनायी जाती है। देश आजाद हो, इसके लिए अनेक लोगों ने कुर्बानी दी है। 1857 में आजादी के प्रथम लड़ाई की शुरूआत उत्तर प्रदेश से हुई थी। गांधी जी ने अहिंसात्मक आंदोलन शुरू किया और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज के माध्यम से लोगों को आजादी के प्रति जागृत किया। उन्होंने कहा कि मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन उद्देश्य देश को आजाद कराना था। 

श्री नाईक ने कहा कि गांधी जी के व्यक्तित्व के कई आयाम हैं। गांधी जी के अनमोल त्याग के कारण उन्हें राष्ट्रपिता की पदवी मिली। देश की आजादी के साथ-साथ गांधी जी ने परिश्रम के महत्व का भाव भी समझाया। हमें ऐसे सभी शहीदों के लिए नतमस्तक होकर उनके दिखाये मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। बापू के विचारों में आज भी निरन्तरता है और समाज के लिये आशा की किरण है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि उनके गुणों को ग्रहण करने से होगी। 

राजभवन में शहीद दिवस के अवसर पर भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय, लखनऊ के कलाकारों द्वारा बापू के प्रिय भजन व रामधुन प्रस्तुत किये गये तथा दो मिनट का मौन धारण किया गया। इससे पहले श्री नाईक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा व चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर व राजभवन के समस्त अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।