चेन्नई: ‘असहिष्णुता’ को लेकर बढ़ती बहस के बीच उद्योगपति रतन टाटा ने गुरुवार को कहा कि किसी को क्या करना है, उसका फैसला करने की आजादी उसे होनी चाहिए और लोग क्या करें या क्या न करें, यह बताने में सरकार की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। इससे दुनिया में हमारे देश की छवि बेहतर होगी।

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने चेन्नई में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘यदि भारत को अभी और भविष्य में चमकना है तो लोगों को निर्णय करने की आजादी होनी चाहिए। सरकार निगरानी कर सकती है, लेकिन वह यह नहीं बता सकती कि लोग क्या करें।’’