लखनऊ: प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार लखनऊ आ रहे नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए लखनऊ तैयार है। राजधानी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। आज विजिट रिहर्सल किया गया। यहां पर प्रधानमंत्री तीन आयोजन में भाग लेंगे। 

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि के 22 जनवरी को होने वाले छठे दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले बुधवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विवि में आईआरसीटीसी कैफेटेरिया के पीछे बने ग्राउंड में तैयार किए गए हेलीपैड पर बुधवार को सेना ने हेलीकॉप्टर उतारकर ट्रायल लिया। इससे पहले एनएसजी कमांडो की टीम दोपहर करीब 3.35 बजे विवि पहुंच गई। इन लोगों ने भी हेलीपैड सहित विवि परिसर में अन्य जगह सुरक्षा व्यवस्था को जांचा। सेना का हेलीकॉप्टर दोपहर करीब 3.52 बजे लैंड कराया गया। सुरक्षा कर्मियों का ट्रायल व हेलीकॉप्टर देखने के लिए ग्राउंड के पास स्टूडेंट्स की भीड़ लग गई।

जिलाधिकारी राजशेखर व एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने अन्य अधिकारियों के साथ कल दोपहर 2:30 बजे के मध्य एयरपोर्ट से लेकर डॉ. भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज, अंबेडकर महासभा तक भ्रमण कर रूट से लेकर सुरक्षा-व्यवस्थाओं व तैयारियों का विस्तार से जायजा लिया। इस दौरान एसपीजी टीम ने भी तैयारियों व व्यवस्थाओं पर पैनी नजर रखी। एसएसपी के मुताबिक आयोजन स्थलों पर लोगों के आने व जाने वाले रास्तों से लेकर उनके बैठने तक के स्थानों को तय किया गया। इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया का स्थान भी तय कर लिया गया है। ओबी वैन के खड़े होने के स्थान से लेकर कैमरों तक का स्थान तय किया गया। आयोजन स्थलों पर सुरक्षाकर्मियों के ड्यूटी प्वांइट से लेकर लोगों के आगमन पर चेकिंग के स्थान भी तय हैं। जिससे कार्यक्रम से पहले ही सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा सके। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अंबेडकर विश्वविद्यालय में 1200 से अधिक, कॉल्विन कॉलेज में पांच से छह हजार तथा अंबेडकर महासभा में करीब 150 लोग मौजूद रहेंगे। खासकर कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज में कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा-व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया। यहां कार्यक्रम खुले में होना है। एक दिन पूर्व हुई बारिश के मद्देनजर अधिकारियों ने आयोजकों को वीआइपी पंडाल व मंच को वाटरप्रूफ बनवाने के निर्देश दिए हैं। पंडाल में लोगों के आने-जाने के मार्ग को पूरी तरह से दुरुस्त कराने को कहा गया। ताकि फिर मौसम बिगडऩे की स्थिति में वहां अव्यवस्था न हो। यहां इंट्री के दो गेट बनवाये जा रहे हैं।