लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि सपा और बसपा का लोकायुक्त नियुक्ति प्रकरण में ताल-मेल है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत में हल्फनामें में खुद स्वीकार किया है विरोधी दल के नेता सरकार के साथ थे। सरकार के स्वीकारोक्ती से स्पष्ट है कि नेता विरोधी दल और नेता सदन दोनों साथ-साथ है। 

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर लोकायुक्त प्रकरण पर राज्य सरकार के कथन की नेता विरोधी दल भी सरकार के साथ थे पर बसपा प्रमुख से सवाल करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बसपा प्रमुख स्पष्ट करे कि उनके पार्टी के राष्ट्रीय दायित्व निभा रहे नेता प्रतिपक्ष किन परिस्थितियों में सरकार के साथ थे क्योंकि खुद उनका कहना है कि लोकायुक्त प्रकरण पर सरकार ने गुमराह किया है। सरकार कह रही है नेता प्रतिपक्ष उसके साथ खड़े है।

उन्होंने कहा भ्रष्टाचार पर एक दूसरे को संरक्षण देने के नीति के तहत सत्ता के बाहर रहने पर बड़ी और ठोस कार्यवाही की बाते (सपा-बसपा) दोनो करते है किन्तु जब सत्ता में आते है दोनो एक दूसरे भ्रष्टाचार को सेफ पैसेज देने में जुटते है, मूर्तियों और पार्को में हुई जनधन की लूट को मुद्दा बनाती समाजवादी पार्टी ने कहा था कि राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर एक आयोग बनायेंगे, आयोग समयवद्ध ढंग से जांच करेगा और जन-धन की लूट करने वालों को बक्सा नहीं जायेगा पर यहां तो 46 माह बाद भी आयोग बना नहीं जांच क्या होगी।

श्री पाठक ने कहा कि भष्टाचार के बड़े मामलों की जांचे क्यों लम्बित है क्यों जांचो के आधार पर कार्यवाही की पहल नहीं होती, एक जांच से दूसरी जांच में परिवर्तित करती अखिलेश सरकार बसपा नेताओं को सेफ पैसेज देने में जुटी है और सरकार के इसी नीति का परिणाम है कि प्रतिपक्ष का दायित्व निभा रही बसपा जन सरोकार से जुड़े विषयों पर न तो कोई आंदोलन करती है और नहीं इन मुद्दों को उठाती है।