लखनऊ: वयोवृद्ध समाजवादी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा को एक कार्यक्रम में सम्मानित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पंडित रामकिशन जैसे सदृश प्रतिबद्ध समाजवादियों से मिलकर नेता जी मुलायम सिंह यादव ने लोहिया जी के विभिन्न अवधारणाओं को आगे बढ़ाया और समाजवादी आन्दोलन को तेज किया। लोहिया की कई कार्य योजनाओं को नेता जी ने मूर्तरूप दिया और समाजवाद की ताकत को हिन्दी पट्टी में मजबूत किया। उन्होंने कहा कि 1954 में लोहिया के आवाहन पर नेता जी ने नहरों के पानी पर लगने वाले कर को घटाने के लिए आन्दोलन करते हुए गिरफ्तारी दी थी। इसके चार दशक बाद जब समाजवादियों की उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार बनी तो नहरों से सिंचाई को मुफ्त कर दिया गया। अंग्रेजी के अनिवार्यता को लोक सेवा आयोग की परिक्षाओं से हटाकर नेता जी ने लोहिया के सपने को पूरा किया और प्रशासनिक सेवाओं के दरवाजे गांव और गरीब के बच्चों के लिए खोले। इसके विपरीत मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए बाबा साहब के एक भी सोच को मूर्तरूप नहीं दिया। मायावती ने बाबा साहब के मिशन को कमजोर करते हुए बाबा साहब के अनुयायियों को छला है यदि आज बाबा साहब होते तो मायावती उन्हें भी पार्टी से निकाल फेंकती जैसे काशीराम के कई करीबियों और दलित मूवमेंट के नेताओं को निकाल फेंका। 92 वर्षीय पंडित रामकिशन शर्मा ने शिवपाल के बातों का समर्थन करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यदि लोहिया के पदचिन्हों पर चलने के कारण ही हम जैसे समाजवादी मुलायम को अपना नेता मानते हैं और जनेश्वर मिश्र, बाबू कपिलदेव सिंह जैसे बड़े समाजवादी नेताओं ने भी उन्हें अपना नेता माना। संगोष्ठी को समाजवादी चिन्तक और इण्टरनेशनल सोशलिष्ट काउंसिल के सचिव दीपक मिश्र, पूर्व विधायक हुकुम चन्द तिवारी ने अपने विचार रखे।