हैदराबाद: आल इंडिया मजलिस तामीरे मिल्लत के अध्यक्ष व आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद अब्दुल रहीम कुरैशी का आज तड़के 83 साल की आयु में नामपल्ली हॉस्पिटल में दिल की धड़कन बंद हो जाने के कारण निधन हो गया। 

मौलाना अब्दुल रहीम कुरैशी मजलिस तामीरे मिल्लत और अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्यों में थे। उनके जीवन का बड़ा हिस्सा मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए समर्पित रहा । मौलाना अब्दुल रहीम कुरैशी की नमाज़े जनाज़ा ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में बाद नमाज अस्र की अदा की गयी। नमाज़े जनाज़ा मौलाना के पुत्र मौलाना मोहम्मद मतीन कुरैशी ने पढ़ाई। नमाज़े जनाज़े के बाद कब्रिस्तान उस्मान शाही अफजल गंज में स्वर्गीय मौलाना की तद्फीन हुई। 

मौलाना मोहम्मद अब्दुल रहीम  कुरैशी के निधन की खबर के साथ ही उनके निवास पहुंचकर परिवार से संवेदना व्यक्त करने वालों में मुहम्मद महमूद अली उप मुख्यमंत्री तेलंगाना, मुहम्मद अली शब्बीर नेता विपक्ष तेलंगाना विधान परिषद, उत्तम कुमार रेड्डी अध्यक्ष तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस, अलहाज मोहम्मद सलीम सदस्य विधान परिषद, इंजन कुमार यादव पूर्व सांसद, मौलाना रहीम दीन अंसारी, मुनीर दीन मुख्तार, अब्दुल कयूम खान महानिदेशक एंटी करप्शन ब्यूरो तेलंगाना, मुहम्मद उमर जलील आईएएस प्रिंसिपल सचिव विभाग अल्पसंख्यक कल्याण, मोहम्मद जलालुद्दीन अकबर आईएफएस निदेशक कमिशनरीयट अल्पसंख्यक कल्याण, प्रोफेसर एस शकूर के अलावा कई प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं। मौलाना अब्दुल कुरैशी ने विभाग महालेखा परीक्षक में सरकारी नौकरी छोड़ कर अखिल भारतीय मजलिस तामीरे मिल्लत की जिम्मेदारियों को ग्रहण किया । वर्तमान समय में बाबरी मस्जिद के इतिहास पर तार्किक अनुसंधान पर आधारित किताबें लिखी थीं। इसके अलावा उनके शोध लेख भी अखबारों में प्रकाशित होते रहे हैं। स्वर्गीय मौलाना को बाबरी मस्जिद मामले में बतौर अधिवक्ता कानूनी पहलुओं पर बारीकी से विश्लेषण करते रहे थे। शुरुआत में वह तामीर मिल्लत के बैनर तले प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक वास्तुकार के संपादक रहे। वह संगठन की ओर से प्रकाशित किए जाने वाले साप्ताहिक ” शऊर” लंबे समय तक संपादक रहे।