लखनऊ । बांदा में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा के हारने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व समाजवादी पार्टी के नेता चौ0 लौटन राम निषाद ने कहा कि सपा की हार के लिए विशम्भर निषाद व विशम्भर यादव दोषी हैं। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में तिन्दवारी से विशम्भर निषाद के विरोध के बाद भी राष्ट्रीय निषाद संघ समर्थित तीन निषाद जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो विशम्भर निषाद के नकारा पन का सबूत पेश किये, परन्तु इसके बावजूद भी सपा नेतृत्व विशम्भर निषाद, शंखलाल मांझी, राम सुन्दर दास एम0एल0सी0 को कश्यप, बिन्द, निषाद, समाज का नेता मानने की भूल कर रहा है। उन्होंने कहा कि निज स्वार्थ में विशम्भर, मांझी, राम सुन्दर दास, निषाद मछुआरा समाज के नेता नहीं हो सकते। 

श्री निषाद ने कहा कि विशम्भर के काफी विरोध के बाद भी विशम्भर के तिन्दवारी क्षेत्र में 3 निषाद डी0डी0सी0 चुनाव जीते, शंखलाल मांझी की पत्नी बुरी तरह डी0डी0सी0 का चुनाव हारी, उत्तर प्रदेश मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि0 के संचालक चुनाव में मांझी के समर्थक महेन्द्र निषाद को फैजाबाद-बस्ती मण्डल से मात्र तीन वोट मिले। उन्होनंे कहा कि संघ के अध्यक्ष चुनाव में हमीरपुर समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव रामफूल निषाद अध्यक्ष का चुनाव जीत गये होते पर विशम्भर, राजपाल कश्यप, शंखलाल मांझी आदि ने विरोध किया। विशम्भर, मांझी, राजपाल बसपा नेता, जर्नादन निषाद की पत्नी मीरा देवी को अध्यक्ष बनाने हेतु समर्थन कर रहें थे, परन्तु कैलाश नाथ निषाद, लौटन राम निषाद, सी0बी0 सिंह निषाद, रामफूल निषाद, की रणनीति से बसपा को हराकर लल्लू प्रसाद निषाद को अध्यक्ष बनवाया गया, लेकिन उक्त निज स्वार्थ में लिप्त तथाकथित बड़े नेता फर्जी क्रेडिट ले रहें हैं।

श्री निषाद ने कहा कि सपा नेतृत्व अभी भी किसी बहकावे में आकर इन्हें निषाद, बिन्द, कश्यप समाज का नेता मानने की भूल कर रहा है जब कि समाज से ये नकारा हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सपा में राम सुन्दर दास को समाज का प्रतिनिधि मानते हुए एम0एल0सी0 बनाया, पर अभी तक इन्होंने एक भी निषाद, बिन्द, कश्यप, की मदद नहीं किये और न अभी तक इनके आवास पर 10-5 लोग भी नहीं रूक पायेंगे होंगे। इन्होंने कईबार कहा कि मुझे समाज में वोट देकर थोड़े ही एम0एल0सी0 बनाया है, मेरे एम0एल0सी0 बनने में समाज का कोई योगदान नहीं है, जो अत्यन्त आपत्ति जनक व शर्मनाक है।