एमएसओ व तंजीम उलेमा.ए.इस्लाम ने किया ‘आतंकवाद का हल सूफ़ीवाद’ विषय पर सेमिनार का आयोजन

नई दिल्ली: मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया व तंजीम  उलेमा.ए.इस्लाम के जेरे इन्तिज़ाम  आज प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में “आतंकवाद का समाधान सूफी शिक्षाओं में ” पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमीनार को संबोधित हुए वरिष्ठ पत्रकार अखलाक अहमद उस्मानी ने कहा कहा कि अमरीका अपने हथियारों के  कारोबार को बढ़ावा देने के लिए दुनिया में आतंकवाद का खेल खेल रहा है और इस्लाम धर्म को बदनाम करने के लिए वहाबियों  का इस्तेमाल कर  रहा है।  ऐसे लोग इस्लाम के नाम पर दाग हैं, उन्होने ने  कहा कि इस्लाम धर्म पूर्ण शांति का धर्म है इस धर्म का हिंसा से कोई वास्ता नहीं है ऐसे में अगर कोई आतंकवाद जैसे घिनौने काम करता है और अपने आप को इस्लाम धर्म से जोड़ता है तो वह इस्लाम का मानने वाला नहीं है।

एमएसओ ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर शुजाअत अली कादरी ने कहा कि आतंकवाद का समाधान सूफी शिक्षाओं में ही है। बिना सूफ़ी संतों के उपदेशों का पालन किए आतंकवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए कि सूफियों ने हमेशा शांति और भाईचारे व मोहब्बत का पाठ पढ़ाया है । उन्होंने कहा कि आज कुछ शक्तियां युवाओं को बहला फुसलाकर हिंसा के रास्ते पर ले जाना चाहती हैं ऐसे युवाओं से अपील है कि वे किसी के बहकावे में न आएं बल्कि अगर इस्लाम और मानवता की सेवा करनी है तो वह सूफ़ी विद्वानों शिक्षाओं का पालन करके अपने जीवन सवारें  और दूसरों की मदद करें।

सदाए सूफियाए हिन्द  के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद बाबर अशरफ ने अपने संबोधन में कहा कि सारी दुनिया में जहां भी आतंकवाद फैल रही है इन सभी में खरजियों का हाथ है और वे पेट्रो डॉलर द्वारा युवाओं को बहला फुसलाकर कट्टरता के रास्ते पर डालते हैं।  ऐसी परिस्थितियों में हमें चाहिए कि हम सूफ़ी विद्वानों की शिक्षाओं को आम करें ख्वाजा गरीब नवाज के संदेश को दुनिया के हर कोने में पहुंचाएं ताकि दुनिया से हिंसा और आतंकवाद का खात्मा हो सके।

तंजीम  उलेमा.ए.इस्लाम म के संयोजक मुफ्ती अशफाक हुसैन कादरी ने कहा कि सूफ़ी विद्वानों की शिक्षाओं से भटक कर जो लोग कहीं और इस्लाम को ले जाना चाहते हैं वह रास्ता ही आतंकवाद की ओर जाता है।