नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने एक बार फिर 2012 में छपी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को हवा दे दी है, जिसके मुताबिक उस साल जनवरी के महीने में सेना की दो टुकड़ियां सरकार को बगैर सूचित किए दिल्ली की तरफ ‘कूच’ कर रही थीं। यूपीए सरकार के वक्त तिवारी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभाल रखा था और शनिवार को एक किताब विमोचन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अख़बार की इस 4 साल पुरानी ख़बर के बारे में कहा कि ‘दुर्भाग्य से यह रिपोर्ट सच्ची है।’

मनीष ने कहा ‘मैं उस वक्त रक्षा मामलों से जुड़ी स्थायी समिति का सदस्य था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन सच बात है। मैं किसी बहस में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन जितनी मुझे जानकारी है उस हिसाब से यह रिपोर्ट सही थी।’

वहीं कांग्रेस ने स्प्ष्ट रूप से इस रिपोर्ट को नकारा है और पार्टी नेता पीसी चाको ने कहा है कि ‘सरकार की जानकारी के बगैर ऐसी किसी टुकड़ी ने दिल्ली की तरफ कूच नहीं किया था।’ हालांकि मणिशंकर अय्यर अपने साथी नेता मनीष की बात का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हुए दिखाई दे रहे हैं। अय्यर ने कहा है कि उनके पास कुछ ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन जहां तक लगता है कि कुछ ना कुछ हुआ था उस रात को जो कि संविधान के खिलाफ था।

उधर, केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह ने 2012 की इस रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हुए तिवारी की टिप्पणी  पर कहा कि ‘उन्हें इन दिनों कुछ कामकाज नहीं है। उन्हें मेरी किताब पढ़ लेनी चाहिए, उससे सब साफ हो जाएगा।’

इसके जवाब में मनीष ने कहा कि ‘गाज़ियाबाद के सांसद अपना धीरज क्यों खो रहे हैं, मैं उनकी किताब पढ़ सकता हूं लेकिन इस वादे के साथ कि वह मेरी पढ़ेंगे।’