लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 75जिलों में 33 निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष होना यह साबित करता है की धनबल -बाहुबल की  राजनीति करने वाली सपा सरकार ने  ग्राम -स्वराज के सपने की  हत्या कर दी है। इंसाफ अभियान  ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि एटा ,कासगंज ,फीरोजाबाद ,मैनपुरी ,कानपुर देहात ,कानपूर नगर ,इटावा ,झाँसी ,जालौन ,हमीरपुर ,महोबा ,चित्रकूट ,भदोही ,ग़ाज़ीपुर ,आजमगढ़ ,बलिया ,मऊ ,देवरिया ,बस्ती ,सिध्दार्थनगर ,श्रावस्ती ,गोंडा ,बहराइच ,फ़ैजाबाद ,बाराबंकी ,लखनऊ ,लखीमपुर ,हरदोई ,बदायूं ,अमरोहा बुलंदशहर ,गाज़ियाबाद में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनाये जाने की प्रक्रिया सपा के सामंती चरित्र को उजागर   किया है। 

इंसाफ अभियान के प्रवक्ता अनिल यादव ने  कहा कि सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी जिसे लोकतंत्र  में सपा   की जीत बता रहे हैं ,वह परिवारवाद और धनबल की जीत है। उन्होंने  कहा कि जिस तरह से  मुलायम सिंह ने लोक सभा और विधान सभा में अपने कुनबे पहुँचाया अब उनके मंत्री -विधायक  उन्ही  नक़्शे कदम पर चल रहे   हैं. इंसाफ अभियान उत्तर प्रदेश इस धनबल -बाहुबल  लैस परिवारवाद  खिलाफ अभियान चलाएगा। 

इंसाफ अभियान के संगठन सचिव लक्ष्मण प्रसाद ने  कहा कि जिला पंचायत चुनाव में कई जगह तो सपा के मंत्रियों ने प्रत्याशी  खड़े होने नही  दिए,रघुराज प्रताप सिंह इसके बड़े उदाहरण  हैं। उन्होंने आरोप लगाया की प्रतापगढ़ में 11 सीटों पर रघुराज प्रताप के डर से लोग पर्चे तक नही  भरे। ऐसे में सपा के द्वारा इसे लोकतंत्र जीत बताना शर्मनाक है।