नयी दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने कर छूट के लिए दीर्घावधि बचत की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की मांग की है। इसके अलावा उद्योग मंडल ने खपत बढ़ाने को वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को फिर लागू करने की मांग की है।

वित्त मंत्री अरण जेटली ने बजट 2016-17 के लिए अंशधारकों से विचार विमर्श शुरू किया है। एसोचैम ने सरकार को दीर्घावधि की बचत पर कर छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है। एसोचैम की विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को फिर से लागू किया जाना चाहिए। इससे खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।

इसके अलावा एसोचैम ने आवास ऋण पर ब्याज कटौती की सीमा को भी मौजूदा के दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने की मांग की है। वहीं मूल ऋण के पुनर्भुगतान के लिए भी यह सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है। उद्योग मंडल ने मानक कटौती के लिए अपनी दलील में कहा है कि कर्मचारियों का वेतन मुद्रास्फीति तथा अन्य लागत कारकों के साथ बढ़ा है। ऐसे में वेतनभोगियों को लाभ के लिए मानक कटौती को एक-तिहाई वेतन या दो लाख रुपये जो भी कम हो, में पुन: लागू किया जाना चाहिए।