इस्लामाबाद: पाकिस्तान में नौ आतंकवादियों को फांसी दी जाएगी। सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने दोषी ठहराए गए नौ आतंकवादियों को फांसी दिए जाने की पुष्टि कर दी है।

समाचार पत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के एक सदस्य मोहम्मद गौरी दिसंबर 2009 में रावलपिंडी में परेड लेन मस्जिद हमले में शामिल था। इस हमले में 38 लोग मारे गए थे और 57 अन्य घायल हुए।

हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लाम का सदस्य अब्दुल कय्यूम दिसंबर 2009 में मुल्तान में इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के मुख्यालय (मुख्यालय) पर हुए हमले में शामिल था, जिसमें सात लोग मारे गए।

तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान का आतंकवादी मुहम्मद इमरान और अल कायदा आतंकवादी अकसन महबूब पुलिस पर हमले में शामिल थे।

सिपाह-ए-सहाबा के सक्रिय सदस्य अबदुल रऊफ गुर्जर, मोहम्मद हाशिम, सुलेमन, शफकत फारूकी और मोहम्मद फरहान लाहौर में नागरिकों की हत्या में शामिल थे।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर दिसंबर 2014 हमले के बाद मौत की सजा पर लगी रोक हटा दी गई, जिसके बाद से 2015 में 326 दोषियों को फांसी दी जा चुकी है। पेशावर आर्मी स्कूल पर हुए हमले में 136 स्कूली बच्चों सहित 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।