नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ में दलितों की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि इससे समाज के निचले तबके के उत्थान में मदद मिलेगी। मोदी ने डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर आज यहां आयोजित दलित उद्योगपतियों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के उद्यमिता पर जोर देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सरकार के ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों का मकसद दलितों का विकास करना और उनका स्वाभिमान बढ़ाना है।

इस मौके पर दिए अपने भाषण में उन्होंने कहा कि दलितों की भांति उन्हें भी अपमान का घूंट भरकर जीना पड़ा है। अपने संबोधन में उन्होंने यहां तक कहा कि मौजूदा दौर में भी सामंतशाही मानसिकता मौजूद है। पीएम ने कहा कि बाबा साहब को संविधान निर्माता के तौर पर हर कोई जानता है, लेकिन बेहद कम लोग जानते हैं कि वह बड़े अर्थशास्त्री भी थे। साथ ही उन्होंने बाबा साहब की दूरदर्शिता की भी जमकर तारीफ की। पीएम ने कहा कि अंबेडकर कहते थे कि देश में बढ़ते औद्योगिकरण का सबसे बड़ा फायदा देश के दलितों को देना चाहिए।

इस सम्मेलन का आयोजन दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अपने स्थापना के 10वें वर्ष में किया है। मोदी ने कहा कि दलित उद्यमी न केवल अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं बल्कि अपना और अपने जैसे अन्य लोगों का विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदियों से पिछड़े दलित लोगों को मौका देने की जरुरत है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। प्रधानमंत्री ने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, वेन्चर कैपिटल फंड और छोटे उद्यमियों को बिना गारंटी के ऋण देने जैसी योजनाओं से समाज के निचले वर्ग को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 80 लाख लोगों को बिना गारंटी के ऋण दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह ऋण लेने वाले लोग अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलायें हैं। मोदी ने दलित उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सरकार इनके विकास में पूरा सहयोग देगी। उन्हें यह मानना चाहिए कि दिल्ली में उनकी सरकार है। सम्मेलन में देशभर के एक हजार 200 दलित उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं।