लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया अखिलेश यादव सैफई महोत्सव मनाने में इस कदर डूबे हुए हैं कि उन्हें राज्य में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार की आवाजें नहीं सुनाई पड़ रही है। अलीगढ़ के हरदुआगंज में पांच दिन पहले स्कूल जाते वक्त एक बेटी के साथ अपराधियों ने दरंदगी करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी लेकिन सपा सरकार के राज में पुलिस अबतक एक भी अपराधी को पकड़ नहीं पाई है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि राज्य में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में लगाताार वृद्धि होती जा रही है लेकिन इनपर लगाम लगाने की बजाय सपा अपराधियों को ही संरक्षण दे रही है। दूरदराज की बेटियों को सुबह के वक्त अपने स्कूल-कॉलेज जाना दूभर हो गया है। रास्ते में होने वाली छेड़खानी की घटनाओं से आजिज आकर कई बेटियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुकी हैं। इन बेटियों, महिलाओं को सुरक्षा देना तो दूर पुलिस इनकी शिकायत तक दर्ज नहीं कर रही है। पिछले दिनों एक युवती की चेन लूटने और छेड़खानी की शिकायत पर वूमेन पॉवर लाइन- 1090 ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। इस युवती की शिकायत पर कार्रवाई तब हुई जब इन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा लिखी। इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर कार्रवाई शुरू हुई। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि वूमेन पॉवर लाइन भी महिला सुरक्षा के नाम पर केवल खिलवाड़ ही कर रहा है। इस योजना को केवल शिकायत दर्ज कर आरोपी की काउंसलिंग करने का ही अधिकार है। सरकार यह बताए कि वूमेन पॉवर लाइन में अबतक कितनी शिकायतें आई हैं और कितनों में पॉवर लाइन की तरफ से मुकदमा दर्ज कर दोषियों को जेल भेजा गया है। इससे इस पॉवर लाइन की असलियत अपने आप सामने आ जाएगी। बेटियों की शिकायत पर कार्रवाई तभी हुई जब ये सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचीं। जब मुख्यमंत्री को ही कार्रवाई कराना है तो उन्हें वूमेन पॉवर लाइन को बंद कर इसकी जगह अपना फेसबुक, ट्विटर एकाउंट और मोबाइल नंबर जनता के बीच बांट देना चाहिए ताकि बेटियां इनपर फोन करके कुछ राहत पा सकें। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि महिलाएं, बेटियां ही नहीं सूबे में बच्चों के यौन शोषण के मामले में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। पिछले नौ महीनों के दौरान ही बालक-बालिकाओं के साथ यौन उत्पीडन के मामले ‘‘रानी लक्ष्मी बाई महिला स्वाभिमान’’ कोष में दर्ज हो चुके हैं। यानी अखिलेश सरकार के राज्य में एक दिन में तीन बच्चों का रोज यौन शोषण हो रहा है। हालांकि इन सरकारी आंकड़ों से इतर स्थिति और भी भयावह है।