लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि इस वर्ष बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में 50 से अधिक किसान भुखमरी के चलते या तो दम तोड़ चुके हैं या फिर आत्महत्या कर ली है। इसके जिम्मेदार अफसरों को चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने की बजाय मुख्यमंत्री केवल जिलाधिकारियों को चेतावनी ही जारी कर रहे हैं। 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इस वर्ष यह तीसरा मौका है जब मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में किसी किसान के भूख से मरने पर जिलाधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है. बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन में भूख के चलते किसानों के मरने का सिलसिला जारी है लेकिन पिछले तीन वर्षों में एक भी जिलाधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव केवल जिलाधिकारियों को दिखावटी चेतावनी जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि बुंदेलखंड का किसान खून के आंसू रो रहा है। छह माह पहले आई दैवीय आपदा के मुआवजे का पैसा भी उसे अब तक नहीं मिला है। तालाब सूख चुके हैं और नहरों में पानी नहीं है। लाचारी का आलम यह है कि गरीब किसान घास की रोटी खाकर अपनी भूख मिटा रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसे किसी भी किसान की सुधि नहीं ली है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार किसानों के आंसुओं का मजाक उड़ा रही है। किसान के पास खाने की रोटी नहीं है और पूरी प्रदेश सरकार सैफई महोत्सव की चकाचैंध तैयारियों में व्यस्त है। सैफई महोत्व में बेहिसाब खर्च करने की बजाय अगर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का परिवार इन्हें बुंदेलखंड के लाचार किसानों में बांट दे तो लाखों गरीबों का भला हो सकता है।