मौलाना खालिद रशीद ने मुसलमानों से रसूल सल्ल0 के पैगाम-ए-मोहब्बत को घर घर पहुँचाने का दर्स दिया 

लखनऊ: ईद मिलादुन नबी सल्ल0 के मुबारक अवसर  पर लखनऊ में ऐतिहासिक जुलूस मदहे सहाबा रजि0 पूरी शान व शौकत के साथ निकाला गया। इस जुलूस में अकीदतमन्दों ने लाखों की संख्या में भाग लिया। अमीनाबाद से शुरू होकर यह जुलूस मौलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, हैदरगंज होता हुआ शाम को 03 बजे ईदगाह एैशबाग़ लखनऊ पहुंचा।

जुलूस की अगुवाई मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह, मौलाना अब्दुल अजीम, मौलाना मुहम्मद मुश्ताक, मुहम्मद अहमद खाँ साहब अदीब और कारी दावूद ने की। जिसमें लगभग दो सौ अनजुमनों ने हिस्सा लिया और तमाम अंजुमनें रंग बिरंगे झण्डे लिए हुए जिस पर ‘‘कल्मा’’, ‘‘खुदा के रसूल सल्ल0’’ और ‘‘सहाबाक्राम के नाम’’ लिखे हुए थे। रास्ते भर अनजुमनें अपना अपना तराना पढ़ते हुए बहुत ही खूबसूरत और अनुशासित अंदाज के साथ चल रही थीं। रास्ते में बड़ी संख्या में मुसलमानों के साथ साथ हिन्दुओं ने भी सबीलें लगाकर लोगों का स्वागत किया। जिससे कि इस ऐतिहासिक शहर की गंगा जमनी तहजीब देखने को मिली।

जुलूस को मजलिस तहफ्फुज नामूसे सहाबा, इस्लामि सेन्टर आफ इण्डिया, आॅल इण्डिया सुन्नी बोर्ड और तहरीक तहफ्फुज नामूस रसूल सल्ल0 के कार्यकर्ताओ ने रास्ते भर जुलूस की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखा और जिला प्रशासन और पुलिस के तरफ से बड़े पैमाने पर सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था की गयी थी।

जूलूस के ईदगाह पहंुचने पर जुहर की नमाज हुई। जिसकी इमामत इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने की और जुलूस का स्वागत इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने किया । इस अवसर पर एक जलसा ‘‘सीरतुन नबी सल्ल और सीरत सहाबा रजि0 और तहफ्फुज शरीअत’’ के विषय पर आयोजित हुआ।

जलसे को मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी, जफरयाब जीलानी एडवोकेट, मुहम्मद अहमद खाँ अदीब साहब और रईस अंसारी ने सम्बोधित किया। जलसे का संचालन मौलाना मुहम्मद मुश्ताक ने किया। जलसे का आरम्भ क़ारी कमरुद्दीन ने तिलावत कलाम मजीद से हुआ।

इस अवसर पर जूलूस मदहे सहाबा अमन व शन्ति से निकलवाने और दूसरे कार्यक्रम को अच्छे से अच्छे अंदाज मेें करवाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया की तरफ से स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला अधिकारी राज शेखर और वरष्ठि पुसिल अधीक्षक लखनऊ मि0 राजेश पाण्डेय को शाल पहनाकर सम्मानित किया गया।

जलसे को सम्बोधित करते हुए इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आज का दिन बहुत मुबारक दिन है जिस दिन खुदा पाक ने अपने आखिरी नबी हजरत मुहम्मद साहब को इस दुनिया में तमाम इंसानों की राहनुमाई के लिए भेजा। जरूरत इस बात की है कि मुसलमानों को चाहिए कि पैगम्बर-ए-इस्लाम सल्ल0 के इंसानियत अमन और भाई चारे के पैगाम को घर घर पहंुचाने की कोशिश करें। जिससे कि इस्लाम और मुसलमानों के लिए जो गलत बातें हो रही हैं इनको दूर किया जाए।

मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी ने इस अवसर पर कहा कि खुदा पाक के रसूल सल्ल0 ने सहाबाक्राम रजि0 को एैसी शिक्षा दी कि उन लोगों ने अपनी पूरी जिन्दगी खुदा पाक और उसके रसूल सल्ल0 के बताये हुए रास्ते के अनुसार गुजार दी। आज के दिन का यही पैगाम है कि हम लोग खुदा के रसूल सल्ल0 के बताये हुए रास्ते सच्चाई, ईमानदारी और सब इंसानों के साथ अच्छा बर्ताव करने का कार्य करें

जलसे को सम्बोधित करते हुए जफरयाब जीलानी एडवोकेट ने कहा कि खुदा के रसूल सल्ल0 ने यह आदेश दिया है कि तमाम मुसलमान अच्छी से अच्दी शिक्षा प्राप्त करें और शिक्षा के रास्ते से हम इस्लाम के पैगाम को समझ सकते हैं और तभी इस पर अमल कर सकते हैं।

जिलाधिकारी मि0 राज शेखर ने तमाम उलामाक्राम विशेषकर मौलाना खालिद रशीद और मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी का शुक्रिया अदा किया कि इन लोगों के सक्रिय योग्यदान की वजह से जुलूस शान्ति पूर्वक निकाला जा सका और उन्होनें कहा कि इस अवसर के लिए जिला प्रशासन की तरफ से बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी और हमारे सभी अधिकारियों ने पूरी मेहनत से अपने काम को अंजाम दिया।

इस अवसर पर एस0 एस0 पी0 राजेश पाण्डेय ने कहा कि बडे़ से बड़ा मसला आसान हो जाता है अगर पुलिस को अवाम का सहयोग प्राप्त हो। उन्होने कहा कि लखनऊ की यह विशेषता है कि यहाँ पर पुलिस को अवाम का पूरा सहयोग प्राप्त रहता है और इसी का परिणाम है कि यह जूलूस मदहे सहाबा रजि0 और अन्य कार्यक्रम सफलता पूर्वक अंजाम पाये। इस लिए उन्होने तमाम जिम्मेदारों का शुक्रिया अदा कियां

इस अवसर पर दो सौ अनजुमनें ईदगाह पहुुंची और यह सिलसिला 12 बजे से शुरू हुआ और आखिरी अनजुमन 4 बजे ईदगाह पहुंची।

अनजुमनों ने अपना अपना कलाम भी पेश किया और इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया की तरफ से अनको प्रशासित पत्र भी दिये गए। जलसे के आखिर में देश और प्रदेश में अमन व शान्ति और उन्नति के लिए दुआ की गयी।