लखनऊः उत्तर प्रदश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक को आज न्यायमूर्ति वी0सी0 गुप्ता (अवकाश प्राप्त) ने प्रो0 मुन्ना सिंह (निलम्बित कुलपति) चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के विरूद्ध की गयी जाँच की रिपोर्ट सौप दी है। राज्यपाल/कुलाधिपति ने जाँच रिपोर्ट की एक प्रति प्रो0 मुन्ना सिंह को भेजते हुए उनसे 6 जनवरी, 2016 तक जवाब मांगा है। प्रो0 मुन्ना सिंह पर कुलाधिपति के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने जाँच के लिए न्यायमूर्ति वी0सी0 गुप्ता की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जाँच समिति गठित की थी।

उल्लेखनीय है कि श्री नाईक ने 1 मई, 2015 को प्रो0 मुन्ना सिंह को निलम्बित करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय से सम्बद्ध किया था जहाँ वेे 27 मई, 2015 तक उपस्थित नहीं हुए थे। 28 मई, 2015 को प्रो0 मुन्ना सिंह द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ योजित याचिका में पीठ ने कुलाधिपति के आदेशों के क्रियान्वयन को इस शर्त पर स्थगित कर दिया कि प्रो0 मुन्ना सिंह को जाँच के दौरान अवकाश पर रखा जाय। लखनऊ पीठ के इस आदेश के विरूद्ध कुलाधिपति कार्यालय ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। जिसके परिणामस्वरूप 21 अगस्त, 2015 को उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रो0 मुन्ना सिंह को फिर से निलम्बित करने का आदेश पारित किया। निलम्बन के बाद प्रो0 मुन्ना सिंह को सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ से सम्बद्ध किया गया लेकिन प्रो0 मुन्ना सिंह वहाँ भी उपस्थित नहीं हुए। राज्यपाल/कुलाधिपति ने पूर्व में लखनऊ विश्वविद्यालय और बाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में उपस्थित होने के आदेशों की अवहेलना की जाँच के लिए उक्त समिति का गठन किया था जिसमें प्रो0 मुन्ना सिंह को समिति द्वारा सुनवाई अवसर दिया गया था।