लखनऊ: साकार हो रहे लखनऊ मेट्रो के सपने की बदौलत जहां ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी वहीं वाहनो से हो रहे प्रदूशण पर लगाम लगेगी। साथ ही कम लागत में शहरवासियों को आरामदायक यातायात साधन मिलेगा। 

ये कहना जिलाधिकारी राजशेखर का था। वे यहां मोतीमहल वाटिका लान राणाप्रताप मार्ग में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में डाक विभाग द्वारा लखनऊ मेट्रो व लखनऊ पुस्तक मेले पर विशेष आवरण जारी होने के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने लखनऊ मेट्रो के लिए एलएमआरसी के प्रबंधनिदेशक कुमार केशव को लखनऊ पुस्तक आयोजन समिति की ओर से ‘शान ए लखनऊ’ सम्मान भी प्रदान किया। मेले का आज पांचवां दिन था। वाटिका लाॅन में धूप चढ़ने के साथ ही पुस्तक प्रेमियों की भीड़ उमड़नी षुरू हो गई थी। 

मेला संयोजक ने डाक विभाग द्वारा लखनऊ पुस्तक मेले व लखनऊ मेट्रो पर संयुक्त रूप से जारी विशेष आवरण को एक ऐतिहासिक पल बताते हुए अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि लखनऊ मेट्रो इस नवाबी शहर को विष्व फलक पर एक खास दर्जा तो दिला ही रहा है साथ ही हमें कम समय में तेजी से काम पूरा करने की कार्यशैली के लिए भी प्रेरित कर रहा है। लखनऊ मेट्रो के लिए पुरस्कार ग्रहण करते हुए प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने पुस्तक मेला समिति और डाक विभाग का आभार व्यक्त करते हुए आज विशेष आवरण जारी होने के अवसर को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि हम प्रतिबद्ध है कि काम तय समय में पूरा करके दिखाएंगे। इसका दूसरा फायदा यह है कि मेट्रो योजना आगे कानपुर, वाराणसी, आगरा और मेरठ में भी आकार लेने जा रही है। मेला समिति के मुख्य संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने कहा कि अपनी संस्कृति के लिए मशहूर ये शहर मेट्रो की बदौलत अब फ्रांस के पेरिस जैसे शहरों की टक्कर का गिना जायेगा। आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने कहा कि मेट्रो की वजह से लखनऊ की विश्व मानचित्र पर नई पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि एलएमआरसी अपने कुशाग्र वर्करों को चिन्हित कर नाम सुझाये, तो हम उन्हें अगले आयोजन में सम्मानित करेंगे। शीला पाण्डेय के संचालन में चले समारोह में इस अवसर पर डाक विभाग के सहायक निदेशक फिलेटली मनोजकुमार मिश्र, लखनऊ मेट्रो के निदेशक द्वय दलजीत सिंह व महेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे। 

मेले में आकाशवाणी के स्टाल पर शास्त्रीय संगीत और गज़लकारों की दुर्लभ रिकार्डिंग वाली सीडी मिल रही है। तो गोमती एजेन्सीज़ के स्टाल के 30 साल पुराने मुशायरे-कवि सम्मेलन पसंद किये जा रहे हैं। अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकें भी मेले में एक स्टाल पर है। इसके साथ ही साहित्य वाले स्टालों पर आज भीड़ दिखी। पुस्तक मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट खरीदारों को मिल ही रही है, इसके अलावा अलग-अलग प्रकाषनों पर अन्य छूट व स्कीमें भी पुस्तक प्रेमियों के लिए चल रही है।

मेले में बंगीय नागरिक समाज की ओर से रोज अपराह्न दो से चार बजे तक चल रही बांग्ला भाषा सिखाने की कक्षाओं के साथ ही ओरियण्ट लैग्वेज लैब की ओर से आज पंजाबी भाषा की कक्षा चली। बाल व नवयुवा मंच पर ईशा  रतन के संचालन में चले कार्यक्रम में स्वर्णिका दास, मृदुल दास, अष्वित, सुगंधा, नित्या, मीषा, अनन्या आदि ने भाग लिया।