लखनऊ। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया  इस्लाम के अंतिम ईशदूत हज़रत मुहम्मद स० के व्यक्तित्व को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए ‘मुहम्मद स० रू शांतिदूत’ शीर्षक से एक देशव्यापी अभियान मनाने का फैसला किया है। यह अभियान 21 से 30 दिसम्बर तक मनाया जाएगा। 

एसआईओ यूपी सेंट्रल की ओर से जारी विज्ञप्ति में अध्यक्ष तय्यब अहमद बेग ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद स० की शिक्षाओं और उनके व्यक्तित्व को समाज के प्रत्येक वर्ग तथा प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना है ताकि समाज में शांति की स्थापना होएनैतिक पतन की ओर बढ़ते समाज को पुनः सही मार्ग पर लाया जाए तथा इस्लाम के संबंध में व्याप्त ग़लतफहमियों का निवारण किया जाए। उन्होने अपने वक्तव्य में कहा कि आज से 1400 वर्ष पूर्व इस धरती पर शांति का कोई मार्ग दिखाई नहीं देता थाए लोगों में नैतिक एवं सामाजिक बुराइयाँ अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थींएदुर्बल एवं पिछड़े वर्ग का शोषण किया जाता था। यही हाल अरब और उसके शहर मक्का का भी था जहाँ इन सभी बुराईयों के साथ.साथ महिलाओं पर अत्याचार किए जाते थेएमहिलाओं को उनके अधिकार से ही वंचित नहीं रखा जाता था बल्कि उनको दासी बनाया जाता था तथा उन्हें मानवीय यातनाएं भी दी जाती थीं। लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था और जो लड़कियां मौजूद थीं उनको ज़िंदा दफ़न कर दिया जाता था। ग़रीबों एवं बेसहारा वर्गों को हमेशा दास समझा जाता था और उनके मानवीय अधिकार भी उनसे छीन लिए जाते थे। हर क़बीला अपने को सर्वश्रेष्ठ समझता था और श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए हर क्षण युद्ध का माहौल रहता था अतः प्रत्येक ओर अशांति का वातावरण था। वृद्धों केअधिकार छीन लिए जाते थे जिससे वे जीवन के अंतिम चरण में बहुत ही कठिनाइयों से जिंदगी व्यतीत करते थे। प्रत्येक ओर अशांति एवं मानव अधिकारों की अवहेलना हो रही थी। ऐसे दौर में हज़रत मुहम्मद स० ने अपनी शिक्षाओं एवं किरदार के साथ बुराईयों के खिलाफ़ संघर्ष शुरू किया। मुहम्मद स० ने बिना किसी धर्मएजाति तथा क़बीला के भेदभाव के लोगों को इस्लाम की रोशनी में उनके अधिकार दिलाए जिसके परिणामस्वरूप मात्र 23 वर्ष की मुद्दत में ही प्रत्येक ओर शांति का वातावरण विकसित किया और हर वर्ग एवं व्यक्ति के लिए उसके अधिकार निर्धारित किए और सभी को उनके अधिकार दिलाए। आज वर्तमान परिस्थितियों में हमारे समाज की मौजूदा दशा एवं दिशा को देखते हुये हज़रत मुहम्मद स० की शिक्षाओं की अत्यंत आवश्यकता है। इसी को मद्देनज़र रखते हुए एसआईओ ने देशव्यापी सीरत अभियान मनाने का निर्णय किया है जो कि 21 दिसम्बर से आरंभ होकर 30 दिसम्बर तक चलेगा। इस दौरान सीरत.ए.रसूल स० पर क्विजए भाषण एवं निबंध प्रतियोगिताओंतथा गोष्ठी व कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया जाएगा। ताकि अधिकाधिक लोगों तक हज़रत मुहम्मद स०की शिक्षाएं पहुंचाई जा सकें।