परियोजना लागत 2325.33 करोड़ रु0, लखनऊ में स्थापित होगा केन्द्रीय मास्टर को-आॅर्डिनेशन सेंटर

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पी0ई0एम0एस0) डायल ‘100’ परियोजना को अनुमोदित किया गया। इस परियोजना की विस्तृत परियोजना आख्या (डी0पी0आर0) तथा परियोजना हेतु व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत को भी मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना की कुल लागत 2325.33 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना में भविष्य में किसी वांछित संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के जनपदों लखनऊ, कानपुर नगर, इलाहाबाद एवं गाजियाबाद में स्थापित आधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष द्वारा आकस्मिकता की स्थिति में नागरिकों को प्रदान की जा रही सेवाओं के उत्साहजनक परिणाम को देखते हुए पूरे प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को उन्नत स्तर की पुलिस सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पी0ई0एम0एस0) डायल ‘100’ परियोजना लागू की जा रही है। इस परियोजना के लिए लखनऊ में एक केन्द्रीय मास्टर को-आॅर्डिनेशन सेण्टर स्थापित किया जाएगा।

लखनऊ में स्थापित किए जा रहे मुख्य डायल 100 केन्द्र की तरह जनपद आगरा तथा वाराणसी में दो उपकेन्द्र स्थापित किए जाएंगे। यह उपकेन्द्र, मुख्य केन्द्र के वैकल्पिक प्रतिबिम्ब केन्द्र रूप में कार्य करेंगे। लखनऊ के मुख्य केन्द्र में की जाने वाली समस्त कार्यवाही इन केन्द्रों से भी स्वतंत्र रूप से की जा सकेगी। प्रत्येक केन्द्र की क्षमता मुख्य केन्द्र की क्षमता की 15 प्रतिशत होगी। लखनऊ केन्द्र की सेवाओं में किसी तरह के व्यवधान होने की स्थिति में अथवा लखनऊ केन्द्र में क्षमता से अधिक टेलीफोन काॅल होने की स्थिति में ये केन्द्र स्वतः कार्य करेंगे। ये केन्द्र भी मुख्य केन्द्र की भांति लगातार 24 घण्टे कार्यरत होंगे।

इस परियोजना के अन्तर्गत आकस्मिक स्थिति में प्रदेश के किसी भी स्थान से टेलीफोन, एस0एम0एस0 अथवा किसी अन्य संचार माध्यम से राज्य व्यापी डायल ‘100’ परियोजना के केन्द्र से सम्पर्क करने वाले नागरिकों को तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह केन्द्र 24 घण्टे कार्य करेगा। इस केन्द्र में प्राप्त होने वाले सभी टेलीफोन वार्तालापों की रिकाॅडिंग की जाएगी। पीडि़त व्यक्ति की मदद के पश्चात् काॅल सेण्टर द्वारा पीडि़त व्यक्ति से प्रतिक्रिया प्राप्त कर उसके संतुष्ट होने की स्थिति में ही प्रकरण को बन्द किया जाएगा।

डायल ‘100’ परियोजना के अन्तर्गत स्थल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश के 75 जनपदों में कुल 4800 वाहन पुलिस पैट्रोल वाहनों के रूप में सक्रिय किए जाएंगे। इनमें 3200 चार पहिया वाहन एवं 1600 दो पहिया वाहन होंगे। ये सभी वाहन अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगे। प्रत्येक वाहन की वास्तविक भौगोलिक स्थिति की जानकारी, वाहन में लगाए गए जी0पी0एस0 उपकरण के माध्यम से मुख्य केन्द्र को प्राप्त होती रहेगी। किसी आकस्मिकता की सूचना प्राप्त होने पर केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा सबसे निकट उपलब्ध वाहन, घटना स्थल पर भेजे जाएंगे। ये वाहन तत्काल घटना स्थल पर पहुंचकर नागरिकों को आकस्मिक सहायता उपलब्ध कराएंगे तथा स्थानीय पुलिस के आगमन पर प्रकरण स्थानीय पुलिस को हस्तगत करेंगे।

इस परियोजना के तहत शहरी क्षेत्रों के लिए दो पहिया वाहन का रिस्पाॅन्स टाइम लगभग 10 मिनट निर्धारित किया गया है। चार पहिया वाहन का रिस्पाॅन्स टाइम शहरी क्षेत्रों के लिए लगभग 15 मिनट होगा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चार पहिया वाहन का रिस्पाॅन्स टाइम लगभग 20 मिनट होगा।

लखनऊ मंे स्थापित किए जाने वाले प्रदेश स्तरीय केन्द्रीय मास्टर को-आॅर्डिनेशन सेण्टर में एक वृहद कौशल विकास एवं प्रक्रिया प्रशिक्षण केन्द्र भी होगा, जो सभी श्रेणी के कर्मियों के प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था करेगा। इस वृहद काॅल सेण्टर पर संकलित होने वाले बड़ी संख्या में आकड़ों के विश्लेषण तथा अनुसंधान के लिए एक विशिष्ट विश्लेषण एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जाएगी। परियोजना के बड़े स्वरूप एवं उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसके लिए समर्पित डाटा सेण्टर भी रखा जाएगा।