नई दिल्ली। अमरीका जाने वाले लोगों को अब अपनी जेबें और ढीली करनी होंगी। अमरीका ने H1- B और L1 वीजा के लिए फीस बढ़ा दी है। नए निर्देशों के अनुसार H1-B के लिए 2.5 लाख रुपये(4000 डॉलर) और L1 के लिए 2.8 लाख रुपये(4500 डॉलर)अतिरिक्त देने होंगे। बढ़ोत्तरी 10 साल के लिए की गई है और इसका सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ेगा।

इससे पहले H1-B और L1 वीजा के लिए फीस 12 हजार रुपये थे। इसमें H1-B के लिए 1.2 लाख रुपये और L1 के लिए 1.5 लाख अतिरिक्त देने पड़ते थे। इसी अतिरिक्त फीस में बढ़ोत्तरी की गई है। गौरतलब है कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात भी की थी और वीजा फीस न बढ़ाने को कहा था। पीएम मोदी ने कहा था कि इससे भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा।

नास्कॉम के अनुसार भारतीय आईटी कंपनियां हर साल अमरीका को 505.36 करोड़ रुपये वीजा फीस के रूप में देती हैं। नए कानून के बाद यह रकम बढ़कर 1010 करोड़ रुपये हो जाएगी।

H1-B गैरप्रवासी वीजा है। इसके जरिए अमरीकी या विदेशी कंपनियां अस्थायी विदेशी प्रोफेशनल को नौकरी देती है।

L1 वीजा इंट्राकंपनी ट्रांसफर पर दिया जाता है। इसके तहत अमरीका में सेवाएं देने वाली कंपनी दूसरे किसी देश से अपने कर्मचारी का अमरीका में ट्रांसफर करती है तो उसके लिए एल1 वीजा जारी होता है।