नई दिल्ली। बीसीसीआई द्वारा धोखाधड़ी के आरोपी पूर्व क्रिकेटर जैकब मार्टिन को ग्रांट के रूप में 30 लाख रुपये देने का मामला सामने आया है। भारत की ओर से 10 वनडे मैच खेल चुके मार्टिन पर फर्जी क्रिकेट टीम बनाकर एक व्यक्ति को ब्रिटेन भेजने का आरोप है। वर्तमान में वह जमानत पर रिहा हैं और उनके खिलाफ मामला चल रहा है।

मार्टिन को 27 अप्रैल 2011 में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। उन पर फर्जी क्रिकेट टीम बनाने और फिर किसी निमेश कुमार को धोखाधड़ी से वीजा हासिल करके ब्रिटेन भेजने का आरोप है। इस महीने की शुरूआत में ही दिल्ली की अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने को चुनौती देने वाली मार्टिन की याचिका खारिज कर दी थी। मार्टिन के भुगतान को पिछली वित्त समिति ने स्वीकृति दी थी और उसके एक सदस्य ने कहा कि उन्हें मार्टिन की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं थी।

तत्कालीन वित्त समिति के सदस्य ने बताया कि सभी चीजों की जांच करना बीसीसीआई का काम है। उसने 138 प्रथम श्रेणी मैच खेले और भुगतान का पात्र था। जहां तक पुलिस में मामले का सवाल है तो बीसीसीआई के प्रभारी अधिकारियों को हमें इस बारे में बताना चाहिए था। उसके भुगतान को स्वीकृति दी गई क्योंकि किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। बीसीसीआई की वेबसाइट पर क्रिकेटरों को दी जाने वाली एकमुश्त राशि के रिकॉर्ड के अनुसार लाभांवितों की सूची में 118वें नंबर पर मार्टिन का नाम है।

इस घटना से बीसीसीआई का दोहरा रवैया सामने आया है। बोर्ड ने आईपीएल 2013 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी क्रिकेटर एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला का पैसा रोक दिया था। सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर खेल को भ्रष्ट करने के लिए श्रीसंत और चव्हाण को भुगतान नहीं किया गया तो फिर इस मामले में खुद का नाम पाक साफ किए बगैर मार्टिन के भुगतान को कैसे स्वीकृति मिल गई।