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गुरू तेग बहादुर का व्यक्तित्व त्याग का उदाहरण है: नाईक

राज्यपाल ने शहीदी दिवस पर गुरूद्वारा जाकर मत्था टेका

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज गुरू तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर नाका हिण्डोला स्थित गुरूद्वारा जाकर मत्था टेका और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने वहाँ आयोजित शबद-कीर्तन भी सुना।

राज्यपाल ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरू तेग बहादुर का व्यक्तित्व त्याग का उदाहरण है। गुरू तेग बहादुर ने औरंगजेब के धर्म परिवर्तन के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए अपना बलिदान दिया। गुरू तेग बहादुर ने जिन महान उद्देश्यों को लेकर अपना जीवन बलिदान किया उससे प्रेरणा लेते हुए हम भी देश और समाज के लिए कुछ करें, ऐसा संकल्प लेने से आज का दिवस सार्थक बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरूषों के वंदन से देश को आगे बढ़ाया जा सकता है।

श्री नाईक ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज गुरू तेग बहादुर का शहीदी दिवस है और आज ही के दिन भारत-पाक युद्ध में देश की जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आज का दिन केवल सिखों के लिए नहीं बल्कि सभी देशवासियों के लिए महत्व का दिन है। सिख परम्परा के नवें गुरू तेग बहादुर ने मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि सभी महापुरूषों के पावन उपदेशों पर चलने में देश, प्रदेश एवं समस्त मानव जाति का कल्याण निहित है। 

इस अवसर पर श्रद्धालुओं सहित श्री गुरूसिंह सभा लखनऊ के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा व अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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