जयपुर: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्‍नर ललित मोदी फिर से राजस्‍थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्‍यक्ष बन गए हैं। आरसीए से संबद्ध 15 जिलों की ओर से अविश्‍वास प्रस्‍ताव वापस लिए जाने के बाद उनकी पुनर्वापसी का रास्‍ता साफ हुआ है।

अविश्वास प्रस्ताव की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश ज्ञानसुधा मिश्रा को नियुक्त किया था। इस पर आपत्तियों की सुनवाई का मंगलवार को पहला दिन था। इससे पहले कि सभी जिला संघों की आपत्तियां सुनने के बाद उस पर मतदान होता, पठान ने अविश्वास प्रस्ताव से हाथ खींच लिए। इसके साथ ही मोदी की ताजपोशी का रास्‍ता साफ हो गया। बुधवार को सुनवाई के दौरान किसी भी मोदी के नाम पर ऐतराज नहीं किया। इसके बाद अदालत की ओर से तय पर्यवेक्षक ने मोदी को बहाल कर दिया।

आरसीए में सत्‍ता संघर्ष पिछले दो साल में उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा है। नौ माह पहले भाजपा नेता और आरसीए उपाध्‍यक्ष अमीन पठान ने ललित मोदी और उनके धड़े के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया था। पठान ने अपने साथ 15 जिलों का समर्थन होने का दावा किया था, लेकिन स्थिति में नाटकीय मोड़ तब आया जब इस धड़े ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव वापस ले लिया। हालांकि पठान ने कहा है कि उन्‍होंने राजस्‍थान के क्रिकेट के हित में अविश्‍वास प्रस्‍ताव वापस लिया है, लेकिन इस मामले में उन पर राजनीतिक दबाव होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ओर से गठित एडहॉक कमेटी राजस्‍थान के क्रिकेट संबंधी मामलों को देख रही थी। बुधवार के घटनाक्रम से पहले पठान आरसीए के कार्यकारी अध्‍यक्ष के तौर पर कामकाज देख रहे थे।