लखनऊ: दारूल उलूम फरंगी महल के अल्लामा अब्दर्रशीद फरंगी महली हाल में माह रबी उल अव्वल के अवसर पर चौथे ‘‘जलसा सीरतुन्नबी स0 व तहफ्फुजे शरीअत’’ का आयोजन किया गया। जलसे का संचालन मौलाना हारून निजामी अध्यापक दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने किया।

इस अवसर पर इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘‘तुम्हारे लिए अल्लाह के रसूल पाक सल्ल0 में अच्छा नमूना है, यह उस के लिए है जो अल्लाह से उम्मीद करता हो और आखिरत के दिन पर यकीन रखता हो, और जिसने अल्लाह को बहुत याद किया हो।’’ मोमिन के लिए अल्लाह के आखिरी पैगम्बर हुजूर पाक सल्ल0 रौशनी का मीनार हैं, अपनी जिन्दगी के लिए उनसे रौशनी हासलि करना, उनके नकशे कदम पर चलना और जिन्दगी के किरदार व अखलाक़ व सिफात में उनको अपने लिए नमूना बनाना हर मुसलमान का फर्ज है।

उन्होेने कहा कि हम सब आप सल्ल0 की उम्मत के फर्द हैं और हमें आप सल्ल0 की निसबत पर गर्व है। हम आप सल्ल0 की शान में किसी भी तरह की बेअदबी और आप सल्ल0 की शान में बिलकुल गुस्ताखी बर्दाशत नही कर सकते।

मौलाना ने सहाबाक्राम की पवित्र जमाअत का तजकिरा करते हुए कहा कि रसूल पाक सल्ल0 के सहाबाक्राम नबियों और रसूलों के बाद तमाम इंसानों में सबसे पवित्र लोग हैं। उनकी पैरवी में आखिरत की निजात है। इस पवित्र जमाअत की तारीफ से अल्लाह का कलाम और हुजूर पाक सल्ल0 की हदीस भरी हैं। 

 जलसे का अन्त मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की दुआ पर हुआ।