RIMS के 10वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री का सम्बोधन 

सैफई (इटावा): प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि रिम्स को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त सुपरस्पेशियलिटी संस्थान बनाया जाये। यहाॅ मरीजों के लिए वो सारी जरूरी सुविधायें उपलब्ध हों जो दिल्ली के एम्स या किसी भी जाने-माने कार्पोरेट अस्पताल में उपलब्ध होती हैं।

यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उ0प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के  10वाॅ स्थापना दिवस के अवसर पर कही। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने द्वीप प्रज्वलन व केक काटकर किया। संस्थान के निदेशक डा0 (ब्रिगे0) टी0 प्रभाकर ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य अतिथियों को शाल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने सभी को 10वें स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तथा नेता जी मुलायम सिंह यादव का लक्ष्य है कि रिम्स को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त सुपरस्पेशियलिटी संस्थान बनाया जाये। यहाॅ मरीजों के लिए वो सारी जरूरी सुविधायें उपलब्ध हों जो दिल्ली के एम्स या किसी भी जाने-माने कार्पोरेट अस्पताल में उपलब्ध होती हैं। उन्होंने कहा कि नेताजी की यह सोच है कि जरूरी स्वास्थ्य सुविधायें गरीबों तथा जरूरतमंद मरीजों तक बिना किसी अवरोध व कठिनाई के पहुॅचे। प्रदेश सरकार गाॅव-गाॅव तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुॅचाना चाहती है इसके लिए नये मेडिकल कालेज भी खोले जा रहे हैं साथ ही सैफई जैसी जगह पर रिम्स जैसा संस्थान खुलना देश के अन्य भागों के लिए उदाहरण है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने तथा संस्थान के लिए जरूरी सुविधाओं के लिए समय-समय पर बजट उपलब्ध कराती रहती है ताकि इलाज से कोई भी जरूरतमंद व गरीब वंचित न रहे। 

संस्थान के निदेशक डा0 (ब्रिगे0) टी0 प्रभाकर ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल संस्थान में लगभग 6 लाख मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके अतिरिक्त आने वाले 3 वर्षों में सुपर स्पेशियलिटी के बन जाने के बाद सुपर स्पेशियलिटी ब्रांचों में भी पढ़ाई शुरू हो जायेगी। प्रारम्भ में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम 100 छात्रों के साथ शुरू हुआ जिसकी संख्या अब 150 हो गयी है। इसके अतिरिक्त पोस्ट ग्रेजुएट हेतु भी 50 सीटें एम0सी0आई0 द्वारा स्वीकृति की गयी है। हमारा प्रयास अगले एक-दो वर्षों में यहाॅ पर पी0जी0 में छात्रों की संख्या बढ़ाकर 100 कर करने का है। इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल, नर्सिंग तथा फार्मेसी के कोर्स भी सुचारू रूप से चलाये जा रहे हैं। 

विशिष्ट अतिथि वी0के0 पाठक, कुलपति डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्रविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थान द्वारा मरीजों को सारी चिकित्सा सुविधायें नाम मात्र की फीस पर देकर गरीबों तथा जरूरतमंद लोगों की बड़े स्तर पर मदद की जा रही है। इसके अतिरिक्त भविष्य में सुपर स्पेशियलिटी के निर्माण हो जाने के बाद बड़े रोगों का इलाज भी यहीं सम्भव हो सकेगा। 

 राधेश्याम सिंह, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन ने कहा कि उन्होंने संस्थान का दौरा किया तथा यह पाया कि संस्थान के चिकित्सकों तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अत्याधुनिक ट्रामा एवं बर्न सेन्टर के बन जाने के बाद गंभीर एक्सीडेन्ट तथा ट्रामा एवं बर्न के मरीजों को सारी सुविधायें यहीं मिलनी शुरू हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि इस मेडिकल कालेज के निर्माण में स्थानीय लोगों का योगदान उल्लेखनीय तथा प्रशंसनीय है। 

संस्थान के 10वें स्थापना दिवस में राधेश्याम सिंह, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन, राजेन्द्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री, उ0प्र0 शासन, आलोक रंजन, मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन, विशिष्ट अतिथि वी0के0 पाठक, कुलपति डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्रविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन, संस्थान के निदेशक डा0 ब्रिगे0 टी0 प्रभाकर, संकाय अध्यक्ष प्रो0 के0एम0 शुक्ला, चिकित्सा अधीक्षक डा0 (ब्रिगे0) एस0के0 गुप्ता, डा0 वी0एन0 त्रिपाठी, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, लखनऊ, डा0 अरिन्दम भट्टाचार्य, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन, डा0 सौदान सिंह पूर्व निदेशक रिम्स, दर्शन सिंह यादव, ग्राम प्रधान, सैफई आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्थान की वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। अतिथियों द्वारा विगत् वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छा़त्र-छात्राओं को पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। एमबीबीएस 2010 बैच से संस्तृति चैहान ने सर्वाधिक मेडल प्राप्त किये जिसमें डायरेक्टरस गोल्ड मेडल के अतिरिक्त रिम्सआर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। गरिमा सिंह ने श्रीमती शारदा गुुप्ता गोल्ड मेडल, रिम्सआर सिल्वर मेडल प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त विभिन्न विषयों में अच्छा प्रदर्शन करने पर स्मृति जैन, आकांक्षा शर्मा, सुष्मिता गुप्ता तथा चारू यादव को रिम्सआर सिल्वर मेडल, दिया गया।