लखनऊ: यूपी के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में पढ़े-लिखे लोगों की हिस्सेदारी 91.41 फीसदी है। इनमें इंटर तक पढ़े लोगों की तादाद 76.47 फीसदी है जबकि ग्रेजुएट 10.39 फीसदी और पोस्ट ग्रेजुएट 3.61 फीसदी हैं। 15 पुरुष और 4 महिला प्रधान पीएचडी हैं।

गांव की सरकार चलाने में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं रहेंगी। रविवार को हुई मतगणना के बाद सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत विस्तृत आंकड़े जारी किए। राज्य निर्वाचन आयुक्त एस.के.अग्रवाल ने सोमवार दोपहर प्रेसवार्ता में बताया कि प्रधान पद के विजयी उम्मीदवारों में अगर 56.21% पुरुष हैं तो महिला उम्मीदवारों की हिस्सेदारी भी 43.86% है। यानी लगभग 44% फीसदी महिलाएं इस बार प्रधान बनी हैं।

पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण था। इससे साफ पता चलता है कि 11% महिलाएं उन सीटों पर भी जीतीं जो महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं थीं और जहां उनका मुकाबला पुरुषों से था। प्रधान पद पर विजयी महिला उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 54.5% महिलाएं संभल में जीती हैं। इसके बाद रामपुर में 54.4%, मुरादाबाद में 51%, बदायूं में 50.5% और बहराइच में 49.6% महिलाएं प्रधान बनी हैं। विजयी महिला उम्मीदवारों में सबसे कम मथुरा में 36.7% प्रधान बनीं तो आगरा में यह प्रतिशत 37% रहा और हाथरस में 38%।

उम्र के लिहाज से देखें तो 21 से 35 वर्ष के आयुवर्ग के महज 35.17% प्रत्याशी विजयी हुए, जबकि 36 से 60 वर्ष की उम्र के आयुवर्ग में 59.38% लोग प्रधान बने हैं। साठ साल से अधिक उम्र के आयुवर्ग के प्रधान भी 5.45% बने हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के इन आंकड़ों के अनुसार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के चारों चरणों  में कुल मिलाकर 72% मतदान हुआ। इनमें सबसे अधिक 83.17% वोट ललितपुर में पड़े तो सबसे कम 62.8% मतदान बलिया में हुआ।