केजरीवाल के प्रधान सचिव के घर से मिले लाखों रुपये

नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई)ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के दफ्तर पर छापा मारा। सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार के दफ्तर के साथ ही घर पर भी छापा मारा। राजेन्द्र कुमार पर पद पर रहते हुए कई कंपनियों को फायदा पहुंचाने और अपने रिश्तेदारों को ठेके देने का आरोप हैं। उनके खिलाफ दिल्ली डायलॉग के पूर्व सचिव आशीष कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में छह अन्य आरोपियों दिनेश गुप्ता, एके दुग्गल, जीके नंदा, आरएस कौशिक और एस कुमार के ठिकानों समेत 14 जगहों पर भी छापेमारी की।

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इन ठिकानों से लाखों रुपये जब्त किए गए हैं। जीके नंदा के घर से 10 लाख रुपये और राजेन्द्र कुमार के घर से 2.5 लाख रुपये व तीन प्रोपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। राजेन्द्र कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और अपना ईमेल अकाउंट भी नहीं खोलने दे रहे हैं। छापेमारी की कार्रवाई सुबह सात बजे शुरु हुई। छापा दिल्ली सचिवालय की तीसरी मंजिल पर मारा गया और इसे सील कर दिया गया। छापा मारने की इस घटना के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। इस घटना के बाद केन्द्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव भी बढ़ गया है।

दिल्ली सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि सीबीआई ने उनके दफ्तर पर छापा मारा जबकि सीबीआई ने कहाकि हमने सीएम केजरीवाल के दफ्तर पर छापा नहीं मारा है बल्कि प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के कमरे पर छापा मारा है। सीबीआई के अनुसार राजेन्द्र कुमार के खिलाफ शिकायत आई थी। उन पर आरोप है कि पिछले पांच साल से वे अपने रिश्तेदारों को ठेके दे रहे थे। पुख्ता सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इस बारे में पूछे जाने पर केन्द्र की ओर से कहा गया है कि सीबीआई स्वतंत्र एजेंसी है और केन्द्र का इस मामले में कोई लेना देना नहीं है।

केजरीवाल ने इस कार्रवाई के लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और ट्विटर पर लिखा कि, मेरे दफ्तर पर सीबीआई छापा। राजनीतिक रूप से मोदी मेरा सामना नहीं कर पा रहे हैं। मोदी ने कायरता दिखाई है। वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से भी पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया गया। आप ने कहाकि पीएम मोदी तानाशाही कर रहे हैं। वे जनता के बीच अपनी लोकप्रियता खो चुके हैं। आप नेताओं ने इस घटना की तुलना जलियावाला बाग की घटना से कर दी।

इसी बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने ट्वीट किया और लिखा कि, सीएम के दफ्तर को सील किए जाना अप्रत्याशित है। वो इससे अचंभित है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे रीट्वीट भी किया। मामले को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ और राज्यसभा की कार्रवाई कई बार स्थगित करनी पड़ी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहाकि छापा केजरीवाल के दफ्तर पर नहीं मारा गया लेकिन विपक्ष इससे शांत नहीं हुआ।