लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के ललित कला विभाग द्वारा आयोजित शिक्षक एवं विद्यार्थियों की कला अभिव्यक्ति प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री साहब सिंह सैनी मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा विकलांगजन विकास विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस0बी0 निम्से, ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्याल के कुलपति श्री विनय पाठक, डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति श्री निशीथ राय सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। राज्यपाल ने कार्यक्रम में पत्रिका ‘परिचय‘ का विमोचन किया तथा प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चित्रकला एवं छायांकन वास्तव में मुश्किल कला है। इन कलाओं में ब्रश और क्लिक की ताकत दिखाई देती है। यह सुखद संयोग है कि 14 दिसम्बर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है और आज ही विश्वविद्यालय द्वारा ऊर्जावान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि चित्रों को देखकर ऊर्जा मिलती है।

श्री नाईक ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा पक्षियों पर एक पुस्तक प्रकाशित की गई है। कुछ माह पूर्व राजभवन में आने वाले पक्षियों की एक पिक्टोरियल बुक का लोकार्पण किया गया था। उन्होंने कला की बात करते हुए मध्य कमान लखनऊ स्थित स्मृतिका में प्रदेश की तीन परमवीर चक्र विजेताओं के स्थापित भित्ति चित्रों का भी उल्लेख किया। उन्होंने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि कल्पना के आधार पर कैनवास पर सुंदर चित्रों को उकेरा गया है। 

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विशेष छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी विशिष्ट शैली में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया।