‘‘ग्रामीण पर्यावरण,ऊर्जा एवं सतत् विकास’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी

कानपूर: पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन का आधार है। पर्यावरण संतुलित रखना आज अत्यन्त आवश्यक हो गया है। पर्यावरण को बचाते हुये निरन्तर विकास करना ही सतत् विकास की अवधारणा है। हमें प्राकृतिक संसाधनों का विवेक सम्मत उपयोग करते हुये ही विकास की ओर बढ़ना है।

उक्त उद्गार प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री  शिवपाल सिंह यादव ने जनपद कानपुर नगर में डी०ए०वी० कालेज के तत्वावधान में रागेन्द्र स्वरूप सभागार सिविल लाइन्स में ”ग्रामीण पर्यावरण,ऊर्जा एवं सतत् विकास” विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्यक्त किये। मा० मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव जी ने मुख्य अतिथि के तौर पर दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। संगोष्ठी के आयोजकों द्वारा अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ भेंट कर मंत्री जी का स्वागत किया।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये  शिवपाल सिंह यादव ने बताया कि पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से निरन्तर वृक्षारोपण कार्यक्रम प्रदेश भर में चलाये जा रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा एक ही दिन में 10 लाख पेड़ो के वृक्षारोपण का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज हमें प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किये बिना ही विकास करना है।

प्रत्येक गांव तक रोशनी पहुंचाने के लिए अपनी कटिबद्धता और प्रयासों के बारे में उन्होंने अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हर गांव तक रोशनी पहुंचनी आवश्यक है और इसके लिए सौर उर्जा एक बहुत अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा कि आज सौर उर्जा नीति से सोलर प्लाण्ट स्थापित कर दूरस्थ गांव तक रोशनी पहुंचाई जा रही है। पर्यावरण कि दृष्टि से प्रदेश में बनाये गये हरे-भरे लोहिया पार्क, जनेश्वर मिश्र पार्क का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा आज स्वस्थ्य वातावरण और प्रदूषण रहित पर्यावरण मनुष्य की बड़ी आवश्यकता बन गया है। प्रदूषण को कम करने के उदृदेश्य से प्रदेश में साइकिल के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्रम में उन्होंने प्रदेश भर में बनाये गये साइकिल ट्रैक का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर उन्होंने संगोष्ठी में आये विद्वज्जनों द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिए अपनी शुभ कामना देते हुये कहा कि इतने विद्वान एकत्रित होकर जब चिन्तन कर रहे हैं तो पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से प्रदेश भर में बड़ा संदेश जायेगा। उन्होंने गोष्ठी करके जनता को जगाने के लिए विद्वज्जनों के प्रयासों को अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी हुआ।