लखनऊ: ताजमहल की ऐतिहासिक नगरी आगरा में अगले वर्ष 4 जनवरी से 6 जनवरी तक आयोजित होने वाले प्रथम् उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस की तैयारी शुरू हो गई हंै। 

अनिवासी भारतीयों के लिए एक पृथक उत्तर प्रदेश एन.आर.आई. विभाग बनाने एवं नई वेबसाइट शुरू करने पश्चात् अब राज्य सरकार उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस (यू.पी.पी.डी. 2016) में अनिवासी भारतीयों से और अधिक बड़े एवं विभिन्न स्तरों पर संवाद स्थापित करेगी। इसके आयोजन के लिए फेडरेशन आॅफ इण्डियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (फिक्की) सहभागी संस्था होगी।

कार्यक्रम के विषय में बताते हुए उ. प्र. एन.आर.आई. विभाग के प्रमुख सचिव संजीव सरन ने कहा कि अनिवासी भारतीयांें से संवाद सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव स्वयं करेंगे। मुख्यमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मंत्री व उच्चाधिकारियों का दल प्रथम् उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस में उपस्थित रहेगा। जहाँ उत्तर प्रदेश मूल के अनिवासी भारतीय अपनी समस्याओं व अन्य प्रकार के प्रकरणों पर राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मूल के अनिवासी भारतीयों द्वारा उनके क्षेत्र अथवा व्यवसाय में असाधारण व प्रशंसनीय योगदान के लिए उत्तर प्रदेश प्रवासी रत्न पुरस्कार प्रदान करेंगे।

श्री सरन ने कहा कि राज्य सरकार अनिवासी भारतीयोें से सम्बन्धों को सुदृढ़ करने एवं उनके साथ ज्ञान व सूचना के आदान-प्रदान हेतु यू.पी.पी.डी. को सबसे बड़े मंच के रूप में विकसित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल एन.आर.आई. व भारतीय मूल के लोगों का प्रदेश से जुड़ाव बढ़ेगा, बल्कि निवेश व व्यापार हेतु सार्थक संवाद भी हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि 150 से अधिक अनिवासी भारतीय सहित उद्योग व उद्यम के गणमान्य प्रतिनिधियों द्वारा उ.प्र. प्रवासी दिवस में भाग लेने की सम्भावना है। उत्तर प्रदेश सरकार अनिवासी भारतीयों के हितों एवं कल्याण तथा उनसे सम्बन्धित अन्य प्रकरणों के विषय में उठाये जा रहे कदमों और सरकार के विकास एजेण्डा के बारे में बताएगी। यदि किसी अनिवासी भारतीय को किसी क्षेत्र-विशेष के विषय में कोई वार्ता करनी होगी तो उस विभाग के उच्चाधिकारी उपलब्ध रहेंगे।

प्रमुख सचिव संजीव सरन ने बताया कि एक अभूतपूर्व प्रयास के अन्तर्गत् उत्तर प्रदेश मूल के गिरमिटिया लोगों से विशेष संवाद व सम्पर्क स्थापित किया जाएगा। कई पीढ़ियों के उपरान्त उत्तर प्रदेश मूल, मुख्यतः राज्य के पूर्वी भाग के गिरमिटिया लोगों के वंशज आज उनके द्वारा अंगीकृत किए गए देशों में राजनीति, संस्कृति, अर्थ-व्यवस्था, खेल-कूद व साहित्य में सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। श्री सरन ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिभा एवं कड़े परिश्रम के फलस्वरूप उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित सफलता का सम्मान करना चाहती है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि यू.पी.पी.डी. में प्रस्तावित स़त्रों में कई बड़े उद्योगपति, वेन्चर कैपिटलिस्ट व फिल्म उद्योग के प्रतिनिधि सम्बोधित करेंगे। कार्यक्रम के पहला दिन संस्कृति एवं उत्सव को समर्पित होगा। दूसरे दिन सार्थक संवाद एवं विचार-विमर्श हेतु विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा। राज्य सरकार 6 जनवरी को कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए ताजमहल तथा आगरा व मथुरा के आस-पास स्थित ऐतिहासिक स्थलों को देखने व घूमने की सुविधा का प्रबन्ध भी कर रही है।

इस सन्दर्भ में राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों ने भारत सरकार के विदेश मामलों व प्रवासी भारतीय मंत्रालय के अधिकारियों, विभिन्न देशों के राजनायिकों एवं उद्योगपतियों के साथ विचार-विमर्श किया है। 

इसके अतिरिक्त प्रदर्शनी-स्थल पर उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही अवस्थापना और औद्योगिक परियोजनाओं सहित पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग की झांकी प्रदर्शित की जाएगी। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति एवं आर्थिक विकास तथा नवीन अवस्थापना सुविधाओं, जैसे- ट्रांस-गंगा परियोजना उन्नाव, सरस्वती सिटी नैनी, इलाहाबाद, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं लखनऊ मेट्रो व नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल, लखनऊ आईटी सिटी, एकीकृत औद्योगिक नगरी नोएडा, जालौन में प्रस्तावित सोलर पार्क एवं इलेक्ट्राॅनिक मैन्यूफक्चरिंग परियोजनाओं को विशिष्टता से प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य के कई निवेशकों द्वारा भी अपने स्टाल स्थापित किए जाएंगे।