अहमदाबाद। गुजरात में सूरत जिले की सत्र अदालत ने गुरुवार को जेल में बंद पाटीदार आंदोलन के नेता के खिलाफ वहां दर्ज राजद्रोह के एक मामले में उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। डीसीपी मकरंद चौहान ने यह मामला सूरत के अमरोली थाने में दर्ज कराया था। हार्दिक पर गत तीन अक्टूबर को अपने एक समर्थक विपुल देसाई को पुलिस वालों को मारने की सलाह देने के कारण यह मामला दर्ज किया गया था।
विपुल ने आरक्षण आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने की घोषणा की थी और हार्दिक उसे समझाने गए थे। पुलिस वालों को मारने के बारे में दिया गया उनका बयान वहां मौजूद मीडिया के कैमरे में कैद हो गया था और बाद में सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। हार्दिक को सूरत पुलिस ने इस मामले में 19 अक्टूबर को राजकोट से पकड़ा था। वह फिलहाल वहां लाजपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।
हाई कोर्ट ने भी पिछले दिनों उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला समाप्त करने से इनकार कर दिया था। हार्दिक के खिलाफ राजद्रोह का एक और मामला अहमदाबाद में दर्ज हैं।
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