नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि असहिष्णुता के राजनीतिक मायने हो सकते हैं। इस पर लोग अलग-अलग ढंग से प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के होते हुए किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कानून के राज के संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से तत्पर है। संविधान की भावना के साथ किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। संसद से लेकर सड़क तक असहिष्णुता पर बहस चल रही है। कुछ लेखकों और अभिनेताओं को भारत का माहौल असहिष्णु नजर आ रहा है, वहीं कुछ लोगों की नजर में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए प्रायोजित अभियान चलाया जा रहा है।
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