मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, सम्मान के लिए मुख्यमंत्री ने  दी बधाई

लखनऊ: विकलांगजन को उत्कृष्ट पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निःशक्तजन सहित प्रदेश सरकार विकलांगजन विकास विभाग को बधाई दी है। 

श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार विकलांगजन के हित में लगातार कार्य कर रही है। निःशक्तजन की सुविधा के लिए डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से ‘जयपुर फुट’ के नाम से लोकप्रिय कृत्रिम अंग गरीब विकलांगजन को निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि निःशक्तजन की जरूरतों को ध्यान में रखकर उनकी सुविधा के लिए मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाॅल तथा न्यू जनता दर्शन हाॅल को विकलांगजन के अनुकूल बनाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।    

श्री यादव ने कहा कि विकलांगजन को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर राज्य के विकास में गति लाई जा सकती है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार निःशक्तजन के हित में लगातार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें विकलांगजनों ने दृढ़ संकल्प व बुलन्द हौसलों के बल पर शानदार उपलब्धियां हासिल कर देश और दुनिया के लिए मिसाल कायम की।

यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विकलांगजन विकास विभाग 20 सितम्बर, 1995 को अस्तित्व में आया। राज्य के सभी 75 जिलों में जिला विकलांगजन विकास अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। तीन समितियां, नामतः राष्ट्रीय न्यास के तहत ‘जिला विकलांग बंधु’, ‘स्थानीय स्तर समिति’ और ‘जिला प्रबन्धन समिति’ गठित की गई है। विकलांगजन के लिए राज्य आयुक्त और सहायक आयुक्त नियुक्त किए गए हैं। विकलांगजन के लिए निधियन योजना के अन्तर्गत 323.65 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसके तहत 8,91,550 लाभार्थियों को 2014-15 में सहायता दी गई। कम आय वर्ग के निःशक्तजन के लिए विवाह, दुकान स्थापित करने, सरकारी परिवहन में मुफ्त यात्रा, सुधारात्मक सर्जरी के लिए अनुदान, सफलता प्राप्त करने वाले विकलांगजन के लिए राज्य पुरस्कार और कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि कुल 21,35,775 विकलांगजन को विकलांगता प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। डी0डी0आर0एस0 और एडीप योजनाओं को सख्ती से लागू किया जा रहा है। सभी स्कूलों, सचिवालय भवनों, नगर पालिकाओं आदि में रैंप, रेलिंग, ब्रेल संकेतक, श्रवण चिन्ह् इत्यादि उपलब्ध कराए गए हैं। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय बाधामुक्त बनाया गया और 50 प्रतिशत सीटें विकलांगजन के लिए आरक्षित की गई हैं। राज्य सरकार के 41 विभागों में 3150 विकलांगजन को नियुक्त किया गया है। शारीरिक विकलांग कौशल विकास केन्द्र और मूक एवं बधिर कौशल विकास केन्द्र निःशक्तजन को नियमित रूप से व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।