नई दिल्ली: भारत ने एक लंबे वक्त के बाद ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराकर वर्ल्ड हॉकी लीग फाइनल्स टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। मैच से पहले जानकार और आंकड़े ज़रूर इस मुकाबले में इंग्लैंड का पलड़ा भारी मान रहे थे, लेकिन टीम हॉकी इंडिया ने इसे ग़लत साबित कर दिया।

टूर्नामेंट में ये भारत की पहली जीत है, लेकिन एक बेहद अहम् मुकाबले में वर्ल्ड रैंकिंग में नम्बर-6 भारत ने वर्ल्ड रैंकिंग में नम्बर-4 टीम को 2-1 से हराकर दिखा दिया कि उसमें अभी बहुत दम है और उसका खेल खत्म नहीं हुआ है।

कमाल की बात यह है कि भारत, दोनों टीमों के बीच हुए पिछले मैच में इंग्लैंड से (वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफ़ाइनल, एंटवर्प में) 1-5 से हारा था और टूर्नामेंट में चौथे नंबर पर रहा था। इंग्लैंड के कोच बॉब क्रचली ने मैच से पहले कहा भी था,  “उन्होंने (भारत ने) जर्मनी के खिलाफ अच्छा खेल दिखाया। हालांकि, हॉलैंड और अर्जेन्टीना के ख़िलाफ़ ये टीम अच्छा खेल नहीं दिखा पाई, लेकिन ये टीम क्वार्टर फाइनल में अपना स्तर यकीनन अच्छा करेगी और कड़ा मुकाबला खेलेगी।”

भारतीय टीम ने ये कर दिखाया। भारत ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ कई हार का बदला ले लिया, वो भी एक अहम् टूर्नामेंट में और बड़े ही स्टाइल से। वीआर रघुनाथ (19वें मिनट में) और तलविंदर सिंह (39वें मिनट में) के गोलों ने भारत को एक बड़ी जीत दिला दी। ग्रेट ब्रिटेन की ओर से इकलौता गोल सिमन मैनटेल ने 52वें मिनट में किया। गोलों का ये अन्तर आख़िर तक बना रहा।1

एक ख़ास बात ये भी है कि इस मैच के पहले तीन क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने टोटल हॉकी खेलकर सबको प्रभावित किया। इन खिलाड़ियों ने कुछ मौके ज़रूर गंवाये। एक फिक्र की बात आखिरी लम्हों में ख़ुद पर दबाव बनाने की दिखी जिसपर काम करने की जरूरत है, लेकिन अगर कोच रोलंत औल्त्मंस की टीम ऐसा ही खेलती रही तो भारतीय हॉकी की बार-बार टूटती सांसों को दम मिल सकता है।