इंडियन मिलेनियल यात्री वर्ष में कम से कम एक विदेशी यात्रा करना पसंद करते हैं और दस में से नौ विदेशी यात्राओं के लिए अपनी खुद की बचत का प्रयोग करते हैं, यह तथ्य हाल ही में आईसीआईसीआई मिलेनियल ट्रैवल स्टडी 2015 से उजागर हुआ है। यह पुरानी पीढ़ी से एक दम विपरित है, जिनमें से 88 प्रतिशत यात्री विदेश में अवकाश पर नहीं जाते थे। सर्वे, जिसमें 1,049 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था जिसमें मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद और कोलकाता के 25 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था, से इंडियन मिल्लेनियल की यात्रा संबंधी आदतों के बारे में मजेदार ट्रेंड का पता चलता है। 

सिंगापुर सबसे बड़े ड्रीम होलीडे गंतव्य के रूप में उभरा, इसके बाद युनाईटिड स्टेट्स और युनाइटिड किंगडम का नम्बर आता है। 80 प्रतिशत ने कहा कि संस्कृति और विरासत गंतव्यों का चुनाव करने में सबसे बड़ा कारक है। 71 प्रतिशत ने एक देश की यात्रा का चुनाव करने के लिए वहां की सफाई और स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों को आधार बनाया। इस सर्वे की तुलना 2013 में किए गए पिछले सर्वे से करें, जब स्वास्थ्य और स्वच्छता पर केवल 41 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विचार किया था। जिनका सर्वे किया गया था उनमें से 57 प्रतिशत ने एक से अधिक स्थानों की यात्रा को वरीयता दी थी-इसका मुख्य कारण था पैकेज्ड टूअर होना और ट्रैवल कम्पनियों द्वारा बेहतर छूट प्रदान करना। 

इस सर्वे पर टिप्पणी करते हुए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्शोरेंस कम्पनी लिमिटेड के अंडरराइटिंग एवं रिइन्शोरेंस चीफ संजय दत्ता ने कहा, छह शहरों में किया गया यह सर्वे युवा, उभरते हुए भारत की बढ़ती हुई आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करता है। वे यात्रा और विभिन्न संस्कृतियों के अनुभव को वरीयता देते हैं। लेकिन एक से अधिक देशों की यात्रा की इच्छा होते हुए भी बहुत कम लोगों ने अपना यात्रा बीमा करवाया, इसका मुख्य कारण था बीमा के लाभों के बारे में जानकारी न होना।