चेन्नई: चेन्नई में बारिश एक बार फिर शुरू हो गई है। 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद बारिश के कारण शहर के ज्यादातर इलाके जलमग्न हो गए हैं। अदयार नदी पर बने एक पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है और एयरपोर्ट के हालात भी अभी तक नहीं सुधरे हैं।

मौसम विभाग का अनुमान भी लोगों की परेशानी बढ़ाने वाला ही है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में और बारिश होने की चेतावनी जारी की है। चेन्नई में बाढ़ के चलते रनवे पर पानी भरा होने की वजह से गुरुवार सुबह तक के लिए चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमान परिचालन बंद रहेगा, जहां 1500 यात्री सहित करीब 3500 लोग फंसे हुए हैं।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कहा कि सभी फंसे हुए यात्रियों को हवाईअड्डे से बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन उन्होंने अभी तक बचाए गए लोगों की ठीक-ठीक संख्या नहीं बताई। एएआई ने सभी विमान सेवा संचालकों को गुरुवार सुबह छह बजे तक विमान परिचालन निलंबित होने के संबंध में एनओटीएएम (नोटिस टू एयरमैन) जारी किया है। नोटिस टू एयरमैन एक ऐसा नोटिस होता है, जिसमें वायुक्षेत्र प्रबंधन के तहत किसी प्रतिष्ठान, स्थिति से संबंधित जानकारी या किसी सुविधा, सेवा या प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी होती है।

एएआई के अध्यक्ष आर. के. श्रीवास्तव ने कहा कि बुधवार सुबह हवाईअड्डे पर करीब 1500 यात्री और 2000 अन्य कर्मचारी फंसे हुए थे। लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया चल रही है और बुधवार शाम तक यह कवायद पूरी होने की संभावना है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘रनवे जलमग्न है लेकिन टर्मिनल की इमारत सुरक्षित है।’ चेन्नई हवाईअड्डे के अधिकारियों ने शुरुआत में बुधवार सुबह तक संचालन बंद किया था, लेकिन लगातार बारिश के कारण गुरुवार सुबह छह बजे तक संचालन बंद रखने का फैसला किया गया है।

हवाई अड्डे पर करीब 35 से 37 विमान खड़े हैं जिनमें अधिकतर घरेलू विमान हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि विमान संचालन बहाल करने से पहले गुरुवार सुबह एक बार फिर हवाईअड्डे की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने कहा कि हवाईअड्डे पर सबकुछ ठप पड़ा है।

उनसे जब परिचालन फिर शुरू होने के बारे में पूछा गया तो मंत्री ने कहा, ‘बारिश रुकने के बाद ही हम आपको किसी तरह की समय सीमा बता सकते हैं, लेकिन अगर बारिश नहीं रुकती तो हम कुछ नहीं कह सकते। क्योंकि चेन्नई और पड़ोसी जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। अगर पानी का स्तर कम होता है तभी हम कुछ कर सकेंगे।’