नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई से इस बात की गुजारिश की है कि समय रहते जूनियर क्रिकेट, खासकर स्कूली क्रिकेट के स्तर और संचालन को बेहतर कर लिया जाए।

द्रविड़ का मानना है कि नई पीढ़ी के सामने दूसरे खेलों के कई विकल्प हैं इसलिए जरूरी है कि बीसीसीआई नई प्रतिभाओं को अपनी तरफ खींचने का प्रयास बच्चों के स्तर से ही करना शुरू कर दे।

भारतीय क्रिकेट का ऐसा आदर्श जो जब भी कोई बात कहते हैं तो पूरी दुनिया बड़े ध्यान से सुनती है और ऐसा ही मौका रहा राजधानी दिल्ली में मंगलवार रात एक पांच सितारा होटल में द्रविड़ ने जब नवाब मंसूर अली खां पटौदी मेमोरियल लेक्चर में क्रिकेट की बेहतरी के लिए अपने दिल की बात कही।

द्रविड़ ने सबसे पहले इस बात पर हर किसी का ध्यान खींचा कि आज के भारतीय परिवार और छोटे बच्चों में क्रिकेट के लिए लिए एक दशक पहले वाला जूनून नहीं रहा है खासकर बड़े शहरों में।

इतना ही नहीं भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने क्रिकेट में उम्र को लेकर चलने वाली धांधली को लेकर भी बहद गंभीर बात की। जूनियर लेवल पर गलत उम्र के सर्टीफिकेट दिखाकर खेलने की तुलना द्रविड़ नै मैच फिक्सिंग से की।

भारतीय अंडर 19 टीम और इंडिया-ए के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ के लैक्चर के बाद बीसीसीआई ने भी माना है कि भविष्य में जूनियर क्रिकेट की बेहतरी के लिए द्रविड़ के इन सुझावों पर बोर्ड गंभीरता से अमल करने का रास्ता निकालेगा।