लखनऊ। “भ्रष्टाचार के नये आयाम स्थापित करना चाहती है सरकार” यह आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश  सरकार ने पुलिस भर्ती में 35 हजार सिपाही भर्ती में अपनी मनमानी करने के लिए कैबिनेट से लिखित परीक्षा समाप्त करने का प्रस्ताव पास किया। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी सिपाही की भर्ती में व्यापक स्तर पर गड़बडि़यां सामने आयी थी। लिखित परीक्षा के अंको में फेरबदल किया गया था पूरे प्रकरण को न्यायालय ने संज्ञान में लिया था जो अभी तक लम्बित हैं सरकार पुनः पुलिस भर्ती में पारदर्षिता नहीं चाहती है। फलस्वरूप भर्तियां अधर में लटक जाती हैं और नौजवानों को रोजगार से वंचित होना पड़ता है।

चौहान ने आगे बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार नौजवानों के अधिकारों  पर डाका डाल रही है भेदभाव तरीके से जाति, क्षेत्र और धनबल का प्रयोग भर्ती मंे आमबात हो गयी है। इसी तरह निकायों में 35774 सफाई कर्मियों को संविदा में भर्ती करने का सरकार का मंसूबा भी भ्रष्टाचार से अछूता नहीं रहेगा। इस तरह की भर्तियांें में आर्थिक भ्रष्टाचार की भी सम्भावना दिखाई दे रही है।