नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के बाद आज राज्यसभा को संबोधित किया। राज्यसभा में पीएम ने लगभग वही बातें कहीं जो वह लोकसभा में कह चुके हैं। मोदी ने कहा कि संविधान सभा में कांग्रेस से जुड़े कई लोग थे, हमें उनपर गर्व है, हम इसे सकारात्मक रूप में लेते हैं। पीएम ने जोर दिया कि हमें पक्ष और विपक्ष से उठकर कभी तो निष्पक्ष होना चाहिए।

पीएम ने देशवासियों को भी अपने संबोधन में शामिल किया। उन्होंने कहा, ‘सवा सौ करोड़ देशवासियों की देशभक्ति पर न कोई शक कर सकता है, न किसी को सबूत देने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, बिखरने के लिए तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, जुड़ने के अवसर खोजना हमारा दायित्व है। तू-तू मै.. मैं से देश नहीं चलता।

प्रधानमंत्री ने संविधान पर कहा कि हमें ऐसा संविधान मिला है जो हमें निरंतर ताकत देता रहता है। यह चर्चा खास इसलिए है क्योंकि हम डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को बनाने के लिए महापुरुषों ने काम किया है। हमें देश के नौजवानों ऐसे नेताओं के बारे में बताना होगा। अंबेडकर कहा करते थे कि औद्योगिकीकरण देश के लिए जरूरी है। खेती के साथ-साथ औद्योगिकीकरण भी जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘मै यकीन के साथ कह सकता हूं कि संविधान सभा की बैठकों में हर तरफ से दबाव रहा होगा, कई तरह के विचार रहे होंगे लेकिन फिर भी हमें बेहतरीन संविधान मिला। हमारे बुजुर्गों ने हमें संविधान के रूप में उत्तम मार्गदर्शन दिया है। जिस जगह बुजुर्ग नहीं होते, वहां सत्य सुरक्षित नहीं होगा।’

मोदी ने कहा कि हम राजनीति को लेकर जिम्मेदारी का अहसास देते हैं। हमारे सभी सदस्यों को नैतिक कमेटी के बारे में बताना होगा ताकि हम कोई गलती न करें। देश हमारी तरफ देख रहा है, हमारी कुछ जिम्मेदारियां हैं जो निभानी होंगी। देश तब चलेगा जब समता भी हो और ममता भी हो।