लखनऊ: आज जब देश में महंगाई की मार से जनता त्रस्त है, किसान के हालात बद से बदतर हो रहे हैं, नौजवान शिक्षा पूरी कर रोजगार के लिए भटक रहे हैं, केन्द्र की मोदी सरकार और भाजपा नेता बुनियादी सवालों से अलग देश को बांटने वाले बयान से खुद को अलग नहीं कर पा रहे हैं। हद तो यह हो गयी कि भारत सरकार के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का वह बयान जिसका उल्लेख आउटलुक पत्रिका के 16नवम्बर,2015 में प्रकाशित खबर ‘‘हिन्दू शासक 800 साल के बाद अब आया’’ से चरितार्थ हो गया है कि मोदी सरकार का लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं रह गया है और आज लोकसभा में इस विषय पर बहस से साबित हो गया है कि यह सरकार पूरी तरह असहिष्णुता को बल देने में जुटी हुई है। 

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि अट्ठारह माह की केन्द्र में बैठी मोदी सरकार अपने चुनावी वादों से इतर देश का माहौल साम्प्रदायिक उन्माद के उस परिधि में पहुंचा दिया जहां असहिष्णुता के सवाल पर तमाम वैज्ञानिक, साहित्यकार, इतिहासकार, शिक्षाविद्, फिल्मी  जगत की हस्तियांें को अपने अवार्ड वापस कर इस मुद्दे पर मुखर होकर अपनी आवाज जनमानस के लिए उठानी पड़ी। मई 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद कभी लव जेहाद, घर वापसी, बीफ, गाय और पाकिस्तान की बातों को बार-बार उठाकर जनता का ध्यान भटकाती रही है। इतना ही नहीं दादरी की घटना भाजपा नेताओं के अनर्गल बयानबाजी की ही परिणति रही।  

प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, साक्षी महराज, योगी आदित्य नाथ, साध्वी प्राची, श्री संजीव बालियान, संगीत सोम, केन्द्रीय मंत्री निरंजन ज्योति जैसे तमाम नेताओं, आरएसएस एवं आनुषांगिक संगठनों को केन्द्र सरकार प्रश्रय दे रही है, जिससे देश का माहौल दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। जब सरकार और पार्टी दोनों अपनी फासिस्टवादी सोच से अलग होकर लोकतंत्र से चुने जाने के बाद अपने कर्तव्यों से परे समाज को बांटने में लगी हुई हैं, अब प्रत्यक्ष रूप में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हो गये हैं, जिससे देश की एकता-अखण्डता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।  

कांग्रेस पार्टी ने भारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा दिये गये उक्त बयान पर देश से माफी मांगने और तत्काल इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा है कि भारत सदियों से सहिष्णु राष्ट्र रहा है, था और रहेगा, इसे कोई भी ताकत नष्ट नहीं कर सकती।