गोपनीय दस्तावेज़, फ़र्ज़ी आधार कार्ड व अन्य सामान बरामद 

लखनऊ: एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश को भारतीय सेना की जासूसी कर महत्वपूर्ण सूचनाए पाकिस्तानी आईएसआई एजेंन्सी को उपलब्ध कराने वाले पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। 

एस0टी0एफ0 उ0प्र0 को विभिन्न माध्यमों से सूचना प्राप्त हो रहीं थी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंन्सी आई0एस0आई0 द्वारा एक पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय सेना की गुप्त सूचनाए, प्रतिबन्धित महत्व के दस्तावेज व भारतीय सेना की गतिविधियों की सूचना एकत्र कर पाकिस्तानी आई0एस0आई0 के अधिकारियों को भेजने के उददेश्य से बांगलादेश के रास्ते से भारत में पश्चिमी उ0प्र0 में भेजा गया है। उक्त सूचनाओं की सवेदनशीलता एवं राष्ट्ीय हित को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 लखनऊ द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उ0प्र0, लखनऊ श्री अमित पाठक को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया, जिनके द्वारा सूचनाओं को विकसित कर उक्त आई0एस0आई0 एजेंन्ट का पता लगाकर कार्यवाही करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव एवं पुलिस उपाधीक्षक श्री अनित कुमार, एस0टी0एफ0 फील्ड यूनिट मेरठ को निर्देशित किया गया।

इसी क्रम में आज मुखबिर एवं सर्विलान्स द्वारा जानकारी मिली कि एक पाकिस्तानी एजेन्ट मेरठ कैण्ट में स्थित सेना की विभिन्न इकाईयों से सम्बन्धित गोपनीय दस्तावेजों को प्राप्त करने हेतु आज मेरठ आया हुआ है तथा वह दिन मे समय लगभग 15-00 बजे मेरठ कैण्ट स्टेशन से टेªन से भारतीय सेना के प्रतिबन्धित राष्ट्ीय महत्व के दस्तावेजो के साथ दिल्ली जायेगा तथा उसके पास अन्य महत्वपूर्ण नक्शे एवं अवैध सामग्री भी हो सकती है। इस सूचना पर एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई, मेरठ की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मेरठ कैण्ट स्टेशन के पास से नियमानुसार अभियुक्त पाकिस्तानी नागरिक को समय लगभग 14-30 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ व अभियुक्त से बरामद दस्तावेजों के आधार पर उसकी पहचान मौहम्मद इजाज उर्फ मौहम्मद कलाम पुत्र मौहम्मद इश्हाक निवासी तरामडी चैक, इरफानाबाद, इस्लामाबाद पाकिस्तान हाल पता 457, दीवान खाना, शाहाबाद, बरेली उ0प्र0 के रूप में हुई, जिससे उपरेाक्त बरामदगी हुई।

पूछताछ पर गिरफतार अभियुक्त ने बताया कि वह मूलतः इस्लामाबाद, पाकिस्तान का निवासी है। उसके पिता पाकिस्तान एग्रीकल्चरल रिसर्च सैन्टर, इस्लामाबाद में ड्राईवर थे, जिनका वर्ष-2004 में देहान्त हो गया था। अभियुक्त के परिवार में फोटागा्रफी/वीडियोंगा्रफी व प्रोसेसिंग का कार्य होता है, जिसमे वह स्वयं भी दक्ष है। वर्ष-2012 में वह आई0एस0आई0 अधिकारियों के सम्पर्क में आया, जिन्होने उसे गहन प्रशिक्षण देकर भारत जाने के लिए तैयार किया। भारत में उसे पश्चिमी उ0प्र0 व उत्तराखण्ड में स्थित विभिन्न सैन्य इकाईयों से सम्बन्धित गुप्त सूचनाए, प्रतिबन्धित महत्व के दस्तावेज व भारतीय सेना की गतिविधियों की सूचना एकत्र कर पाकिस्तानी आई0एस0आई0 के अधिकारियों को भेजने का टास्क दिया गया। इस उददेश्य से दिनांकः 31-01-2013 को उसे मौहम्मद कलाम के नाम पर बने पाकिस्तानी पासपोर्ट पर कराची से ढाका भेजा गया, जहाॅ पर प्रोबीन नाम के व्यक्ति ने उससे पासपोर्ट व अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज ले लिए। कुछ दिन बाद प्रोबीन उसे नदी के रास्ते भारत-बाग्लादेश सीमा पार करा कर दिनांकः 09-02-2013 को मौहम्मद इरशाद निवासी मटीया बुर्ज, सा

उथ 24 परगना, पश्चिमी बंगाल के घर छोड़ गया। मौहम्मद इरशाद व उसके लड़के अशफाक ने अपने एक रिश्तेदार जहाॅगीर निवासी कसाईपाड़ा, कोलकाता के माध्यम से उसके भारतीय पहचान के फर्जी दस्तावेज (जूनियर हाईस्कूल प्रमाण-पत्र, फर्जी वोटर कार्ड, राशन कार्ड, सैन्ट्रल बैक आॅफ इण्डिया का खाता) तैयार कराये। वहाॅ पर रहते हुए उसने किसी रईश नाम के व्यक्ति के साथ फोटोगा्रफी/वीडियोंगा्रफी का काम किया था, जिसने उसकी मुलाकात अजीमाबाद, जनपद आरा, बिहार निवासी आसमा पुत्री शमशेर से करायी तथा अक्टूबर-2014 में दोनो का निकाह करा दिया। वह लगभग 02 माह आरा, बिहार में रहा तथा दिसम्बर-2014 में अपने मिशन के तहत बरेली आ गया। बरेली में वह अपनी पहचान छिपाकर मौहम्मद कलाम निवासी बिहार बनकर विभिन्न फोटोगा्रफी/वीडियोंगा्रफी करने वालों के साथ फ्रीलान्स वीडियों मिक्सिंग/एडिटिंग का काम करने लगा। इसी दौरान उसने किसी दलाल के माध्यम से मौहम्मद कलाम के नाम व शाहबाद, बरेली के पते पर भारतीय पहचान वाला आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनवा लिया। बरेली में रहते हुए उसने यमुना एक्सप्रेसवे पर मिराज की इमरजेन्सी लैडिंग सम्बन्धी वीडियों, बरेली क

कैंट  में स्थित विभिन्न इकाईयों से सम्बन्धित जानकारी, बरेली एयरबेस व सुखोई-30 फाईटर जैट से सम्बन्धित जानकारी, रायवाला (हरिद्वार) कैण्ट से किसी सैन्य इकाई के मूवमेन्ट की जानकारी व पिथौरागढ स्थित माउन्टेन ब्रिगेड से सम्बन्धित जानकारी पाकिस्तान के आई0एस0आई0 अधिकारी को उपलब्ध करायी। यह भी बताया कि उसको अब तक पाकिस्तानी खूफिया एजेन्सी आई0एस0आई0 द्वारा भारतीय सेना व उसकी इकाईयों से सम्बन्धित गुप्त सूचनाए उपलब्ध कराने तथा भारत में इसी प्रकार बने रहकर गतिविधिया चलाने के लिए विभिन्न समय पर कुल रू0 5.8 लाख का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही उसके परिवार को पाकिस्तान में प्रतिमाह 50 हजार रूपयें का भुगतान किया जा रहा है।

अभियुक्त के विरूद्व थाना सदर बाजार जनपद मेरठ में अभियोग पंजीकृृत करा कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।  इस सम्बन्ध में अभिसूचना विभाग के अधिकारियों व आतंकवाद निरोधक दस्ता(ए0टी0एस0) को भी सूचित किया गया है, जिनके द्वारा गिरफतार अभियुक्त से विस्तृृत पूछताछ की जा रही है।