सूरत। पटेल समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले हार्दिक पटेल को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने वाली गुजरात पुलिस ने कहा है कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों की ओर वॉइस स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि पटेल ने ही युवाओं को कहा था कि खुदकुशी करने की जगह पुलिसकर्मियों को मार डालो। पुलिस ने बुधवार को हार्दिक पटेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए वॉइस टेस्ट रिपोर्ट को सूरत जिला अदालत को सौंप दिया।
पुलिस ने कहा कि पाटीदार अमानत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक पर राजद्रोह का आरोप लगा रहना चाहिए, क्योंकि अधिकारियों ने सबूत के रूप में एक सीडी अदालत को सौंपी है, जिसमें पटेल को अपने समर्थक विपुल देसाई को खुदकुशी की बजाय दो पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए उकसाते हुए साफ� सुना जा सकता है।
पटेल को पुलिस के एकत्र किए रिकॉर्डेड मैसेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर की शुरुआत में पटेल एक टेलीविजन चैनल के संवाददाता के साथ सूरत निवासी विपुल देसाई के घर गए थे और आरक्षण की मांग के समर्थन में कोई गंभीर कदम न उठाने को कहा था। उन्होंने उससे कहा कि पटेल अपने हक की लड़ाई लडऩे के दौरान कभी खुदकुशी नहीं करते। इसके बदले एक या दो पुलिसकर्मियों को मार डालो।
राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए और हार्दिक पटेल व उनके कुछ सहयोगियों को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोप को चुनौती देने वाली एक याचिका गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित है।
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